गन्ना किसानों का 40 फीसदी से कम भुगतान करने वाली चीनी मिलों की कटी आरसी
September 2, 2016
मेरठ, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 40 फीसदी से कम भुगतान करने वाली मोदीनगर, मलकपुर, मवाना, सिंभावली, तितावी, बहेड़ी, चिलवरिया, बृजनाथपुर, ऊन चीनी मिलों की आरसी काट दी गयी है। वहीं सबसे बड़े बकाएदार समूहों में मोदी, मवाना, सिंभावली और राणा को नोटिस भेजी गयी है।
किसानों का अरबों रुपए का गन्ना पेरने के बाद भी चीनी मिल उसका भुगतान करने को तैयार नहीं है। प्रदेश में सबसे बड़े बकाएदारों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कई चीनी मिल शामिल है। इनकी बाकायदा आरसी भी काटी जा चुकी है, इसके बाद भी चीनी मिल भुगतान करने को तैयार नहीं है।
मेरठ मंडल के उप गन्ना आयुक्त हरपाल सिंह ने बताया कि पेराई सत्र 2015-16 में प्रदेश की चीनी मिलों ने 18003.13 करोड़ रुपए का गन्ना पेराई था। जिसमें से 16266.42 करोड़ रुपए का भुगतान चीनी मिलों द्वारा किया जा चुका है। जबकि 1736.71 करोड़ रुपए अभी भी चीनी मिलों पर बकाया चल रहा है।
प्रदेश की 117 चीनी मिलों में से 78 ने राज्य परामर्शित मूल्य की दर से 100 फीसदी भुगतान कर दिया है। इसमें 24 सहकारी और निगम की एक चीनी मिल ने शत प्रतिशत भुगतान किया है। जबकि 90 फीसदी भुगतान करने वालों में निजी क्षेत्र की 11 चीनी मिल शामिल है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के गन्ना आयुक्त विपिन त्रिवेदी ने बकाएदार 39 चीनी मिलों को जल्दी ही सारा भुगतान नहीं करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। पिछले वर्ष इसी अवधि तक 13439 करोड़ रुपए का भुगतान किया था, जो कुल देय का 65 फीसदी था। इस सत्र में 2827 करोड़ का अतिरिक्त भुगतान कराया जा चुका है।