गन्ना मूल्य मे भाजपा ने किसानों के साथ किया बड़ा अन्याय-समाजवादी पार्टी
October 27, 2017
लखनऊ, समाजवादी पार्टी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने पेराई सत्र 2017-18 के लिए गन्ना खरीद का राज्य परामर्शित मूल्य (एसएपी) 10 रूपए प्रति कुन्तल बढ़ाने की घोषणा की है। यह किसानों के साथ अन्याय है।
समाजवादी पार्टी ने कहा कि भाजपा सरकार की किसानों के साथ धोखेबाजी की यह पहली बानगी नही है। इससे पूर्व वह कर्जमाफी के मामले में भी किसानों के साथ विश्वासघात कर चुकी है। उन्होने कहा कि भाजपा प्रारम्भ से ही पूंजीघरानों की पोषक पार्टी रही हैं। भाजपा ने गन्ना किसानों को अपने निर्णय से और ज्यादा परेशानी में डाल दिया हैं। 10 रूपए की मूल्यवृद्धि का निर्णय किसानों का अपमान है।
समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि जहां तक समाजवादी पार्टी का सवाल है, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गन्ना किसानों को एक मुश्त 40 रूपए प्रतिकुन्तल की मूल्यवृद्धि की थी। गन्ना किसानों के बकाये की अदायगी में भी समाजवादी सरकार ने डिफाल्टर चीनी मिलों के खिलाफ कड़े कदम उठाए थे। इसके फलस्वरूप गन्ना किसानों को अपनी फसल जलाने की जरूरत नहीं पड़ी थी। मिल के गेट पर घटतौली पर भी अखिलेश जी ने रोक लगाई थी। चीनी उत्पादन में उत्तर प्रदेश का अपना शानदार रिकार्ड रहा है।
राजेंद्र चौधरी ने कहा कि किसान, गरीब, गांव कभी उसकी प्राथमिकता में नहीं रहे हैं। गरीब किसान का एक लाख तक कर्ज माफ करने में उसने हेराफेरी की जबकि बड़े व्यापारिक घरानों के करोड़ों रूपए के कर्ज माफ कर दिए गए। किसानों को उनकी फसल का उचित और लाभप्रद मूल्य देने में आनाकानी से भाजपा का किसान विरोधी चरित्र उजागर हो गया है।
उन्होने कहा कि अखिलेश यादव ने आजमगढ़ में नई चीनी मिल बनाई। मेहिउद्दीनपुर (मेरठ) एवं पुवायां (शाहजहांपुर) चीनी मिलें बंद पड़ी थी, उन्हें चालू कराया। समाजवादी सरकार के समय गन्ना किसानों को ज्यादा कीमत के साथ खाद, कीटनाशक की सहज उपलब्धता थी।