गरीबी के बारे में मैंने पढ़ा नहीं बल्कि उसे खुद देखा है : प्रधानमंत्री मोदी

नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि उन्होंने गरीबी के बारे में किताबों में नहीं पढ़ा बल्कि गरीबी क्या होती है इसे उन्होंने खुद देखा है। वह इसकी पीड़ा समझते हैं इसलिए उनकी सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि गरीबों के कल्याण की योजनाओं का लाभ उनके द्वार तक पहुंचे।
प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को लाल किले की प्राचीर से 79वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित करते कहा कि गरीबों को उनके लिए बनी योजनाओं का लाभ मिले इसके लिए वह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि गरीब कल्याण की योजनाएं सरकारी दफ्तरों की फाइलों में उलझी न रहे। इन योजनाओं का लाभ देश के नागरिकों तक पहुंचे और उन्हें इसका लाभ मिले।
उन्होंने कहा “किताबों में मुझे यह कभी पढ़ने की ज़रूरत नहीं पड़ी कि गरीबी क्या होती है क्योंकि मुझे मालूम है कि गरीबी क्या होती है। मैंने हमेशा यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि सरकार सिर्फ़ फाइलों तक सीमित न रहे बल्कि यह नागरिकों के जीवन तक पहुँचे।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने गरीब, कमजोर, दिव्यांग, आदिवासी तथा अन्य वंचित वर्ग के लोगों को फायदा पहुंचाने की योजना को विशेष महत्व दिया है। उनका कहना था “एक समय था जब गरीबों, हाशिए पर रह रहे लोगों, आदिवासियों और दिव्यांगजनों को अपने अधिकारों के लिए भटकना पड़ता था, एक सरकारी कार्यालय से दूसरे सरकारी कार्यालय भागते हुए अपना जीवन बिता देते थे। आज सरकार आपके दरवाजे पर आती है, लाभार्थियों तक सीधे योजनाएँ पहुँचाती है।”