गांव में खुले में शौच जाने वालों का, हो गया राशन बंद
May 11, 2017
इटावा, घर में शौचालय का उपयोग न कर खुले में शौच जाने वालों को सरकारी सुविधाओं से वंचित करने का काम शुरू किया गया है। पहले चरण में उनका सरकारी राशन रोक दिया गया है।
जिले के जसवंतनगर इलाके के ग्राम आलई में स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के लिए ग्राम प्रधान सतेंद्र सिंह यादव की यह कार्रवाई काफी हद तक कारगर साबित हो रही है। इससे ग्रामीणों में खलबली है कि कहीं और भी कोई सुविधा बंद न हो जाए। इस कारण वे अब इस गलती के लिए माफीनामा दे रहे हैं कि भविष्य में वे शौचालय का उपयोग करेंगे उनसे सारी पाबंदियां हटा लीं जाएं।
शासन द्वारा ग्रामीणों को ग्राम पंचायत ओडीएफ ग्राम होने पर शौचालय के साथ स्नानगृह भी दिए गए थे। लोगों ने निर्माण कार्य भी कराया है लेकिन एक दर्जन से ज्यादा ग्रामीणों ने घर में बने शौचालय में न जाकर खेतों में जाना शुरू कर दिया। ग्राम खुशालपुरा निवासी संतोष ने गड्ढे में लगी ईंटे भी उखड़कर रख दी थीं।
ग्राम प्रधान सतेंद्र यादव ने बताया कि उनका गांव ओडीएफ हो चुका है जबकि दर्जन भर लोग इसका उल्लंघन कर रहे थे और खेतों में शौच को जा रहे थेए इस कारण यह कदम उठाना पड़ा। लोग अब भी न माने तो अन्य सरकारी सुविधाओं से भी वंचित किया जाएगा।
प्रधान ने अपने गांव को स्वच्छ रखने के इरादे से खेत खलिहान मे शौच करने वालो पर जुर्माना लगाने का प्रावधान कर दिया है। जुर्माने की कडी में यह व्यवस्था भी की गई है कि जो व्यक्ति खुले में शौच करता पहली बार पकड़ा जाएगा तो 50 रुपये जुर्माना होगा और दूसरी बार में सौ रूपये का जुर्माना होगा। बार बार पकड़े जाने पर 6 माह से 2 वर्ष तक की सजा और सभी सरकारी योजनाओं का लाभ बन्द कर दिया जाएगा।
खुले में शौच के लिए ग्राम प्रधान सत्येंद्र सिंह यादव द्वारा बनाए गए सख्त नियमों की जानकारी आसपास के गांव वालों को भी मिली है। अपने गांव को साफ रखने की कवायत के तहत ग्राम प्रधान संतेद्र यादव ने बताया कि इससे पहले आलई गांव मीरखपुर पुठिया मे जुडा हुआ था नये परसीमन मे आलईएनगला पति और खुशालपुर जोड करके एक नई पंचायत का सृजन किया गया है। तीनो गांवो के आबादी मिला करके करीब 4000 के आसपास हो रही है। विकास से पूर्ण रूपेण वंचित इस गांव मे विकास के कोई कार्य सही ढंग से नही कराये गये इसी कारण यह गांव पिछडा हुआ है ।
उन्होने बताया कि खुले मे शौच जाने से रोकने के लिए आलई गांव मे 80 अस्थाई शौचालय का निर्माण निजी तौर पर कराया है जिसमे गांव के लोगो के घरो मे टैंक भी बनवाये गये है। यदि सभी पंचायतों के प्रधान केवल अपनी पंचायत को ही खुले में शौच से मुक्त करा लेंए तो निश्चित ही पूरा जिला मुक्त हो जाएगा।