गुजरात- आर्थिक आधार पर आरक्षण देने को चुनावी मुद्दा बनाएगी कांगे्रस

नई दिल्ली,  गुजरात के आगामी विधानसभा चुनाव में पटेलों के आरक्षण के मुद्दे के जोर पकड़ने की संभावनाओं के बीच कांग्रेस ने आज कहा कि वह राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 20 प्रतिशत आरक्षण देने को मुद्दा बनाएगी। पार्टी ने यह भी स्पष्ट किया कि यह आरक्षण अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के मौजूदा आरक्षण को अपरिवर्तित रखते हुए दिया जाना चाहिए।

कांगे्रस प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने कहा, कांगे्रस की सरकार यदि गुजरात में बनती है तो हम पाटीदार सहित उन सभी जातियों के गरीब लोगों को आर्थिक आधार पर आरक्षण देंगे जिन्हें अभी आरक्षण नहीं दिया जा रहा है। आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को 20 प्रतिशत आरक्षण देते समय यह भी देखा जाएगा कि वर्तमान में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजातियों को अभी जो आरक्षण मिल रहा है उसमें कोई छेड़छाड़ न हो।

उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों ने भाजपा से बहुत उम्मीदें लगायी थीं। किन्तु राज्य और केन्द्र, दोनों जगह भाजपा उनकी उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी है। लोग जब 22 साल पहले के कांग्रेस शासन से तुलना कर रहे हैं तो उन्हें लग रहा है कि भाजपा ने महज झूठे वादे किये। उन्होंने इन दावों को गलत बताया कि गुजरात में कांग्रेस की स्थिति कमजोर है। उन्होंने कहा, 1990 में हम कमजोर थे जब हमको केवल 30 सीटें मिली थीं। उसके बाद से हम 60 के आसपास सीटें जीतते आ रहे हैं। हमें इनके अलावा 30-35 सीटों की जरूरत है जो हमें उम्मीद है कि इस विधानसभा चुनाव में हमें मिलेंगी। गोहिल ने कहा कि हाल के जिला पंचायत चुनाव में कांग्रेस को जनता का अच्छा आशीर्वाद मिला। पहले 31 जिला पंचायतों में से केवल एक हमारे पास थी। इन चुनावों में 23 जिला पंचायतों में हमें बहुमत मिला, दो में हमने बाहर से सहयोग लिया। भाजपा केवल छह जिला पंचायतों में सिमट गई। उन्होंने कहा, यदि सरकार राज्य में चुनाव जल्दी करवाना चाहे तो हम उसके लिए भी तैयार हैं। लोगों में राज्य की भाजपा सरकार को लेकर बहुत नाराजगी है। चाहे वह पाटीदार हो, दलित हो, सरकारी कर्मचारी हो, किसान हो या युवक।

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