राज्यसभा में बैठक शुरू होने पर केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि दो दिन पहले ही एक विपक्षी सदस्या ने संविधान पर चर्चा के दौरान कहा था कि गुजरात के एक मंदिर में उनके साथ भेदभाव हुआ था और उनकी जाति पूछी गई थी। गौरतलब है कि पिछले सोमवार को शैलजा ने सदन में दावा किया था कि वे जब केंद्रीय मंत्री थीं तब गुजरात के द्वारका मंदिर गई थीं और वहां उनसे जाति पूछी गई थी। जेटली ने कहा, मैंने इस बारे में जानकारी हासिल की। मुझे पता चला कि सदस्या ने फरवरी 2013 में मंदिर की अतिथि पुस्तिका में मंदिर के बारे में बहुत ही अच्छी टिप्पणियां की हैं।
जेटली ने कहाकि सदस्या ने मंदिर के प्रबंधन, वहां की व्यवस्था आदि के बारे में सकारात्मक टिप्पणियां करते हुए लिखा है कि अच्छी तरह दर्शन हुए। अगर सदस्या के साथ कोई भेदभाव होता तो वे इतनी अच्छी टिप्पणियां कभी नहीं करतीं जैसी उन्होंने की थी। उन्होंने तो कोई शिकायत ही नहीं की। सदन के नेता के इतना कहते हुए शैलजा ने कहा कि मैंने दो दिन पहले जब यह बात कही थी तब ही स्पष्ट कर दिया था कि मैं द्वारका के मुख्य मंदिर के बारे में बात नहीं कर रही हूं। उन दिनों मैं संस्कृति मंत्री थी और मुख्य मंदिर में मेरे साथ बहुत ही अच्छा व्यवहार किया गया था। मैं द्वारका के मुख्य मंदिर के आगे गई थी और बेट द्वारका के मंदिर में मुझसे जाति पूछी गई थी।
शैलजा ने कहा कि आम तौर पर पूजा के लिए पुजारी गोत्र पूछते हैं जाति नहीं। लेकिन वहां मुझसे जाति पूछी गई थी। उन्होंने कहा कि मंत्री ने सदन को गुमराह किया है जो नहीं किया जाना चाहिए और न ही सदन की गरिमा गिराई जानी चाहिए। कांग्रेस के सदस्यों ने शैलजा के प्रति समर्थन जताया और जेटली की बात का विरोध किया। हंगामे के बीच उप सभापति पीजे कुरियन ने कहा कि दोनों पक्षों ने अपनी अपनी बात रख दी व इस मुद्दे पर और चर्चा नहीं की जाएगी। उन्होंने सदस्यों से अपने स्थानों पर जाने और कार्यवाही आगे चलने देने को कहा।
इस बीच पीयूष गोयल ने कहा कि सदन में बार-बार व्यवधान डालने के लिए कृत्रिम समस्याएं उत्पन्न की जाती हैं। उनकी इस बात पर शैलजा सहित कांग्रेस सदस्यों ने कड़ी आपत्ति जताई और आसन के समक्ष आकर नारे लगाने लगे। हंगामे के कारण कुरियन ने बैठक 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी। बैठक के फिर शुरू होने पर सदन में कांग्रेस सदस्यों का हंगामा जारी था। तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि सदन में शांति का माहौल था, लेकिन सत्ता पक्ष की ओर से उकसावे वाला बयान दिया गया जो सदन की भावना के अनुकूल नहीं है।
राज्यसभा में कांग्रेस के सदस्यों ने बुधवार को केंद्रीय मंत्रियों अरुण जेटली और पीयूष गोयल की टिप्पणियों के विरोध में भारी हंगामा किया। इस कारण बैठक दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित की गई। जेटली ने गुजरात के एक मंदिर में जाति पूछे जाने संबंधित शैलजा के बयान पर टिप्पणी की थी। जबकि गोयल ने कांगे्रस के विरोध को कृत्रिम समस्या बताया। हंगामे के कारण सदन में प्रश्नकाल नहीं हो पाया।