नई दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने गुजरात के पाटीदार नेता की उस याचिका पर केंद्र और मुख्य निर्वाचन आयुक्त से जवाब मांगा है जिसमें राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव में मतपत्र या मतदाता द्वारा दिए गए वोट की पुष्टि करने वाली वीवीपीएटी मशीनों का इस्तेमाल करने की मांग की गई है।
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प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे एस खेहर, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एसके कौल की पीठ ने केंद्र, मुख्य निर्वाचन आयुक्त, गुजरात सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी कर उनसे चार सप्ताह में जवाब देने के लिए कहा है। शीर्ष न्यायालय ने मामले पर सुनवायी के लिए जुलाई का पहला सप्ताह तय किया है।
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पटेल आरक्षण आंदोलन के समय अग्रणी रही पाटीदार अनामत आंदोलन समिति की संयोजक, याचिकाकर्ता रेशमा विट्ठभाई पटेल ने दावा किया कि ईवीएम पूरी तरह से भरोसेमंद, सुरक्षित, छेड़छाड़ या हैक किए जाने से सुरक्षित नहीं है। गुजरात उच्च न्यायालय ने 12 अप्रैल को यह याचिका खारिज कर दी थी। याचिकाकर्ता ने मांग की कि निर्वाचन आयोग को ईवीएम के स्थान पर मतपत्र या प्रत्येक ईवीएम के साथ वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रायल:वीवीपीएटीः का इस्तेमाल करने के लिए कहा जाए।
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गुजरात में इस वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। पटेल ने याचिका में आरोप लगाया है कि 2015 के नगर निकाय चुनावों में मतदाता सूची में से एक विशेष समुदाय के हजारों सदस्यों के नाम नहीं थे। उन्होंने न्यायालय से चुनाव समिति को यह निर्देश देने की मांग की कि भविष्य में ऐसा ना होने पाए।