अहमदाबाद, रिद्धमान साहा (81) और शुभमन गिल (94 नाबाद) के बीच 142 रन की तूफानी साझीदारी की मदद से गुजरात टाइटंस ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में रविवार को लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ दो विकेट पर 227 रन बनाये।
नरेन्द्र मोदी स्टेडियम पर टास जीत कर गुजरात को बल्लेबाजी के लिये आमंत्रित करने का लखनऊ के नवोदित कप्तान कृणाल पांड्या का फैसला मुश्किल साबित हुआ जब आसान विकेट पर लखनऊ के गेंदबाजों की धुनायी करते हुये गुजरात की सलामी जोड़ी के तौर पर गिल और साहा ने पारी की विस्फोटक अंदाज से शुरू की और मैदान के चारों ओर चौके छक्कों की बारिश कर दी। पारी के 13वें ओवर में साहा के विकेट के तौर पर लखनऊ को पहली सफलता मिली मगर तब तक गुजरात का रन औसत 12 रन प्रति ओवर के करीब पहुंच चुका था। साहा ने 43 गेंदों की पारी में दस चौके और चार लंबे छक्के लगाये।
साहा के बाद क्रीज पर आये कप्तान हार्दिक पांड्या (25) ने रनो की रफ्तार में इजाफा करने की कोशिश की और दो छक्के जड़कर दर्शकों की वाहवाही भी लूटी मगर वह मोहसिन खान की गेंद पर कवर पर खड़े अपने भाई कृणाल को कैच थमा कर पवेलियन लौट गये। अंतिम ओवरों में डेविड मिलर (21 नाबाद) के साथ गिल ने अपना विस्फोटक अंदाज जारी रखा मगर निर्धारित 20 ओवर खत्म होने के कारण वह अपने शतक से मात्र छह रन से चूक गये। गिल ने 96 मिनट क्रीज पर टिक कर 51 गेंदे खेली। इस दौरान उन्होने दो चौके और सात छक्के लगाये।
गुजरात के बल्लेबाजों को काबू करने के लिये लखनऊ के कप्तान कृणाल ने अपने आठ गेंदबाज आजमाये मगर सभी के सभी बेहद खर्चीले साबित हुये। अब लखनऊ को जीतने के लिये 228 रन के बड़े लक्ष्य का पीछा करना होगा। गुजरात अगर इस मैच में जीतती है तो वह प्लेआफ में पहुंचने वाली आईपीएल के मौजूदा सत्र की पहली टीम होगी।
केएल राहुल के चोटिल होने के कारण सुपर जायंट्स की कप्तानी की बागडोर कृणाल पांड्या के हाथ में है वहीं उनके सगे भाई हार्दिक पांड्या गत विजेता गुजरात टाइटंस के कप्तान है। दो भाइयों के नेतृत्व वाली दो धुरंधर टीमाे के आमने सामने होने से मैच दिलचस्प हो गया है। हार्दिक ने टास के बाद कहा “ मै यदि टास जीतता तो भी पहले बल्लेबाजी करना पसंद करता। निसंदेह यह मेरे परिवार के लिये गौरव का क्षण है। हमारे पिता हम दोनो भाइयों को देखकर निश्चित ही गौरव की अनुभूति कर रहे होंगे। यह पहली बार है। कम शब्दो में कहूं तो हमारा परिवार गर्व महसूस कर रहा है। जीत हार टीम का हिस्सा होती है मगर ये तो तय है कि एक पांड्या की टीम जरूर जीतेगी। हारने के डर से ज्यादा जीतने की चाह होनी चाहिए।
क्रुणाल ने कहा “ यह सपना सच होने जैसा है। एक बार जब हम मैदान में उतरेंगे तो गेम फेस ऑन रहेगा। हमारे पास अच्छी बल्लेबाजी है जो लक्ष्य का पीछा करने की कुव्वत रखती है।