राजकोट, गुजरात के गिर सोमनाथ जिले के उना तालुका में पिछले दिनों दलित युवकों की बर्बर पिटायी के वीडियो प्रकाश में आने की घटना को लेकर आज संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन राज्यसभा में हुए हंगामे के बीच गुजरात मे दलित उत्पीड़न के खिलाफ आंदोलन भड़क गया। गौ रक्षकों और शिव सेना के सदस्यों की ओर से दलित युवकों की पिटायी के वीडियो सामने आने के बाद राजकोट जिले के गाेंडल और जामकंडोरणा में आज कुल सात दलित युवकों ने उना की घटनाओं के विरोध में सामूहिक रूप से जहर पीकर आत्महत्या का प्रयास किया। उधर आज शाम धोराजी की भूकी चौकडी के पास राज्य परिवहन निगम की दो बसों को प्रदर्शनकारियों ने जला दिया। हालांकि बसों के खाली होने के कारण इससे कोई जानहानि नहीं हुई। प्रदर्शनकारियों ने सडक जाम कर प्रदर्शन भी किया। राजकोट में घटना के विरोध मे दलित समाज की एक विरोध रैली का आयाेजन भी किया गया तथा प्रदर्शनकारियों ने दलित नेताओं का घेराव किया। कुछ प्रदर्शनकारियो ने एक सरकारी कार्यालय में मृत पशु का शव भी फेंक दिया।
गोंडल में आत्महत्या का प्रयास करने वाले पांच युवकों ने पहले से ही सामूहिक रूप से जहर पीने की चेतावनी दे रखी थी और इसको लेकर सुरक्षा के कडे प्रबंध थे। पर इसी बीच गोंडल में बस स्टैंड के निकट स्थित आंबेडकर प्रतिमा के पास वे आज अचानक पहुंच गये और उन्होने जहर पी लिया। पांचों को एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसके बाद जामकंडोरणा के दो युवकों ने इसी तर्ज पर जहरीला तरल पी लिया। उन्हें भी जामकंडोरणा में भर्ती कराया गया है। घटना के बाद गुजरात में माहोल गरमाया और आने वाले दिनों में दलित संगठनो ने सड़कों पर उतर आने की धमकी दी है।
गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने पिछले हफ़्ते ऊना में दलितों पर कथित हमले के मामले में सीआईडी जांच के आदेश दे दिए हैं और मामले की तेज़ सुनवाई के लिए एक विशेष अदालत बनाने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री दफ़्तर से जारी एक वक्तव्य में कहा गया है, “ऊना में दलितों की पीटीआई मामले की जांच सीआईडी (क्राइम) को दे दिए गए हैं। साथ ही मुक़दमे में तेज़ी लाने के लिए एक विशेष अदालत की स्थापनी की जाएगी.” साथ ही मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने कहा कि सात घायल दलित युवकों के इलाज की ज़िम्मेदारी सरकार की होगी।