मुंबई, एक विशेष सीबीआई अदालत ने सोहराबुद्दीन शेख और तुलसीराम प्रजापति की कथित फर्जी मुठभेड़ में मौत के संबंध में गुजरात के आईपीएस अधिकारी राजकुमार पांडियान को आरोपमुक्त कर दिया है। गुरुवार को विशेष सीबीआई न्यायाधीश एमबी गोसावी ने इस आधार पर पांडियान को आरोपमुक्त किया कि उनके खिलाफ अभियोजन के लिए मंजूरी नहीं है और इसलिए उनके खिलाफ अभियोजन नहीं चलाया जा सकता। सीबीआई के अनुसार, पांडियान गुजरात एटीएस की उस टीम का हिस्सा थे जिसने सोहराबुद्दीन और उसकी पत्नी कौसर बी को पकड़ा था। एजेंसी ने कहा कि उसने शुरूआती चरण से ही साजिश में सक्रिय भूमिका निभाई थी। अब मुंबई में गुजरात औद्योगिक विकास निगम में जनसंपर्क अधिकारी के रूप में तैनात पांडियान 2014 में बहाल हुए थे। उन्हें मुठभेड़ मामले में गिरफ्तारी के बाद 2007 में निलंबित किया गया था। अदालत ने अब तक भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, राजस्थान के गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया, राजस्थान के कारोबारी विम पाटनी, गुजरात पुलिस के पूर्व प्रमुख पीसी पांडेय, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक गीता जौहरी, गुजरात पुलिस अधिकारी अभय चूडासामा, गुजरात पुलिस अधिकारी एनके अमीन, यशपाल चूडासामा और अजय पटेल (दोनों अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक में वरिष्ठ पदाधिकारी) को इस मामले में आरोपमुक्त किया है।