28 फरवरी 2002 को भड़की हिंसा के दौरान भीड़ ने गुलबर्ग सोसाइटी पर हमला कर दिया था। इस हमले में 69 लोग मारे गए थे, जिनमें पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी भी शामिल थे। घटना के बाद 39 लोगों के शव बरामद किए गए थे जबकि सात साल बाद बाकी 30 लापता लोगों को मृत मान लिया गया था।