मथुरा, ब्रज दर्शन को आने वाले श्रद्धालु अब निकट भविष्य में गोकुल से वृंदावन तक का सफर जल मार्ग से भी पूरा कर सकेंगे। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद कार्यालय सभागार में आयोजित बैठक में भारतीय अंतर्देशीय जल मार्ग प्राधिकरण के चीफ इंजीनियर ए.के. मिश्रा ने गोकुल से वृंदावन तक विकसित होने वाले जल मार्ग का प्रस्तुतिकरण दिया।
परिषद के सीईओ एसबी सिंह ने बुधवार को बताया “ लगभग 24 किमी के इस जल मार्ग को दो चरणों में विकसित किया जाएगा। मथुरा से वृंदावन तक विकास की प्रक्रिया पहले चरण में पूरी होगी, जबकि द्वितीय चरण में मथुरा से गोकुल तक जल मार्ग का विकास होगा है। इस परियोजना पर करीब 42 करोड़ की लागत आएगी। ’’
उन्होंने बताया कि इसमें 11 स्टेशन बनाए जाएंगे। इनमें चार स्टेशन प्रमुख होंगे। बैठक में अक्रूर घाट स्टेशन को भी बनाने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया।उन्होंने यमुना में कुछ स्थानों पर गर्मियों के दौरान जल स्तर कम होने पर भी चर्चा की गई। उन्होने यह भी बताया कि बैठक में दो पोंटून पुलों की मौजूदगी पर उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजा कांत मिश्र ने नई तकनीकी पर आधारित पोंटून पुल बनाने का सुझाव दिया ।
सिंह ने कहा कि पुल के डिजाइन में खुलने और बंद होने का स्वचालित प्रावधान हो, जिससे निर्बाध रूप से जल मार्ग का संचालन हो सके। इसके संदर्भ में अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी ए.के. सिंह से तकनीकी राय भी मांगी गई है।
उन्होंने बताया कि इस प्रजेंटेशन पर उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजा कांत मिश्र ने संबंधित सभी विभागों के अधिकारियों से कहा कि जल मार्ग को लेकर कोई समस्या नजर आ रही हो तो अभी स्पष्ट करें, क्योंकि योजना के क्रियान्वयन के दौरान किसी प्रकार की रुकावट नहीं आनी चाहिए।
गोकुल से वृंदावन तक जल मार्ग विकसित करने की योजना ब्रज पर्यटन विकास की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है। यह योजना ब्रज में पर्यटन को बढ़ावा देने का काम करेगी। ब्रज दर्शन को आने वाले श्रद्धालु यमुना के रास्ते गोकुल से वृंदावन तक जल परिवहन का लुफ्त उठा सकेंगे। इस परियोजना में ईको फ्रेंडली बोट संचालन होगा।