गोरखपुर, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की उपलब्धियों में एक और मेडिकल कॉलेज का नाम जुड़ गया है। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में स्थापित हो रहे इस मेडिकल कॉलेज श्री गोरक्षनाथ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर का भूमि पूजन सोमवार को गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ ने विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी, भारत सरकार के पूर्व औषधि महानियंत्रक डॉ. जीएन सिंह के मौजूदगी में सम्पन्न हुआ। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भूमि पूजन के बाद योगी कमलनाथ ने हॉस्पिटल का शिलान्यास किया।
भूमि पूजन एवं शिलान्यास के बाद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ वाजपेयी एवं कुलसचिव डॉ प्रदीप कुमार राव ने बताया कि यह मेडिकल कॉलेज तीन चरणों में बनकर तैयार होगा। पहले, दूसरे और तीसरे चरण में 600.600 यानी कुल मिलाकर 1800 बेड का अस्पताल बनेगा। उन्होंने बताया कि महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद द्वारा महायोगी गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय में स्थापित यह मेडिकल कॉलेज गोरक्षपीठाधीश्वर एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं।
कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव के अनुसार पहले वर्ष इस मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की सौ सीटों पर प्रवेश लिया जाएगा। इसे दूसरे चरण में 150 और तीसरे चरण में 250 सीटों तक विस्तार किया जाएगा। इस मेडिकल कॉलेज के शुरू हो जाने से न सिर्फ पूर्वांचल के प्रतिभाशाली छात्र.छात्रों को अपने घर के पास गुणवत्तापरक चिकित्सा शिक्षा उपलब्ध होगी बल्कि गोरखपुर.बस्ती.आजमगढ़ मंडल से लेकर पश्चिमी बिहार और नेपाल की तराई तक के लोगों को 1800 बेड का अत्याधुनिक सुपरस्पेशलिटी सुविधाओं से लैस चौबीसों घंटे सेवा देने वाला एक नया अस्पताल भी मिल जाएगा। कुलपति डॉ़ वाजपेयी ने बताया कि यह वाराणसी और लखनऊ के बाद गोरखपुर में निजी क्षेत्र का पहला मेडिकल कॉलेज होगा। साथ ही एम्स गोरखपुर और बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज गोरखपुर के बाद शहर का यह तीसरा बड़ा चिकित्सा संस्थान होगा।