गोरखपुर मामले को लेकर हंगामे के भेंट चढ़ी दिनभर की कार्यवाही

लखनऊ, उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में सोमवार को पहले दिन की कार्यवाही गोरखपुर मामले को लेकर हंगामे की भेंट चढ़ गई। मामले की जांच की मांग को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्य लगातार हंगामा करते रहे लेकिन सरकार ने इसे सिरे से खारिज कर दिया।

प्रश्नकाल के दौरान भी सपा के सदस्य वेल में आकर हंगामा करते रहे। विधानसभा अध्यक्ष ने कई बार समझाने का प्रयास किया लेकिन बाद में हंगामे को देखते हुए सदन की कार्यवाही मंगलवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि विपक्ष जानबूझकर एक ऐसे मामले को तूल दे रहा है जिसका कोई मतलब नहीं है। मुख्यमंत्री स्वयं इस पर अपना स्पटीकरण दे चुके हैं लेकिन इसके बावजूद सपा विधायक लगातार वेल में आकर हंगामा करते रहे।

खन्ना ने कहा कि विधानसभा के संसदीय इतिहास में आज पहली बार हुआ है जब पूर्व दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि दी जा रही थी और सदस्य हंगामा कर रहे थे। ये अशोभनीय दृश्य था।

संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि सर्वदलीय बैठक के दौरान भी नेता प्रतिपक्ष ने इस मामले की जानकारी नहीं दी। उसके बाद भी विधानसभा अध्यक्ष ने रात्रि भोज दिया उसमे भी वो शामिल हुए। कहने का मतलब है कि विपक्ष चर्चा से भाग रहा है। सरकार सदन चलाना चाहती है लेकिन विपक्ष व्यवधान पैदा कर रहा है।

इससे पहले विधानसभा में सोमवार सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सदन में और विधानसभा के बाहर मुख्य द्वार पर सपा विधायक नारेबाजी और हंगामा करते रहे। हंगामे को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया।
विगत दिनों नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे के गोरखपुर दौरे के दौरान हुए अपमान का मुद्दा बनाकर गुस्साए सपा विधायक नारेबाजी की, जिसके बाद सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित हो गई थी बाद में इसको 12.20 तक बढ़ा दिया गया।

दोबारा स्थगन के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को शुरू करने का प्रयास किया लेकिन विपक्ष लगातार नारेबाजी कर रहा था। हंगामा शांत न होते देख अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया।

इससे पहले यूपी विधानसभा में विपक्ष को घेरते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गोरखपुर में विकास के लिए अतिक्रमण हटाकर सड़के बनाई जा रही हैं, सपा ने अपने समय में कोई कार्य विकास का नहीं किया है और कोई एजेंडा भी नहीं था बाबजूद इसके भाजपा सरकार के विकास का भी विरोध कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नेता विपक्ष गोरखपुर में राजनीति करने गए थे, तब गोरखपुर के व्यापारियों ने आपका विरोध किया था। स्थानीय व्यापारियों में गुंडा टैक्स की वसूली को लेकर जो भय था यह उसका विरोध था, इसी का खामियाजा आपको भुगतना पड़ा।

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