Breaking News

गौरक्षकों पर प्रतिबंध के मामले मे, सु्प्रीम कोर्ट ने पांच राज्यों से मांगा जवाब

नई दिल्ली,  सु्प्रीम कोर्ट ने बुधवार को गौरक्षकों पर प्रतिबंध लगाने की याचिका पर सुनवाई की, जिसके बाद इसे छह हफ्ते के लिए स्थगित कर दिया। याचिका में कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला ने गौरक्षकों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है, जो कई राज्यों में सक्रिय हैं। खास तौर से भाजपा शासित राज्यों में जहां गौरक्षा को लेकर सख्त कानून हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने, विधायकों को दिये, विधायिका के मूलमंत्र

इससे पहले सात अप्रैल को सु्प्रीम कोर्ट ने छह राज्यों राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, झारखंड और कनार्टक को नोटिस जारी किया था और तीन हफ्ते में जवाब मांगा था। कनार्टक सरकार ने बुधवार को इस मामले में अपना जवाब दाखिल किया।

जानिये, योगी सरकार की, पांचवीं कैबिनेट बैठक के, छ: अहम फैसले

 सुप्रीम कोर्ट ने पांच अन्य राज्यों को छह हफ्ते के भीतर जवाब देने को कहा।  याचिकाकर्ता तहसीन पूनावाला ने गौरक्षा के नाम पर दलितों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा रोकने की मांग की है और कहा है कि ऐसी हिंसा करने वाले संगठनों पर उसी तरह से पाबंदी लगाई जाए जिस तरह की पाबंदी सिमी जैसे संगठन पर लगी है।

सीएम योगी ने सुनायी, कृष्ण और सुदामा के बीच हुये, कैशलेस ट्रांजेक्शन की कहानी

 याचिका में कहा गया है कि देश में कुछ राज्यों में गौरक्षा दलों को सरकारी मान्यता मिली हुई है, जिससे इनके हौसले बढ़े हुए हैं। गौरक्षक संगठनों की सरकारी मान्यता समाप्त की जाए। याचिका के साथ में गौरक्षक दलों की हिंसा के वीडियो और अखबार की कटिंग लगाई गई हैं और कोर्ट से इन पर संज्ञान लेने को कहा गया है।

गांवों को 24 घंटे बिजली देने के लिये, मुख्यमंत्री योगी ने लगायी जरूरी शर्त