कानपुर, जिला अस्पताल उर्सला के बाद अब ग्रीनपार्क स्टेडियम के नाम बदलने की मांग उठने लगी। संस्था ने इसके लिए हस्ताक्षर अभियान चलाकर मांग की कि ग्रीनपार्क का नाम शहीद चन्द्रशेखर आजाद के नाम पर रखा जाए। संस्था का कहना है कि इस नाम से गुलामियत की बू आती है। देश में बहुत से ऐसे संस्थान व स्थल है जिनका नाम बिट्रिश हुकूमत के बाद आज तक नहीं बदला गया है। इसी कड़ी में कानपुर का ग्रीनपार्क अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम है जिसका नाम एक अंग्रेज मैडम ग्रीन के नाम पर रखा गया है। बताते चलें कि ग्रीन नाम की महिला यहां पर रोज घुड़सवारी करती थी जिसके बाद इसका नाम ग्रीनपार्क रख दिया गया और यही बाद में स्टेडियम के रूप में तब्दील हो गया। आजादी के छह दशक बाद अब चन्द्रशेखर आजाद जनकल्याण समिति ने इसका नाम शहीद चन्द्रशेखर आजाद करने का बीड़ा उठाया है। संस्था के अध्यक्ष सर्वेश कुमार पाण्डेय उर्फ निन्नी पाण्डेय ने बताया कि शहर में जितने भी संस्थानों के नाम अंग्रेजों के नाम पर है उनका भारतीयकरण करने की मांग पुरजोर तरीके से उठाई जाएगी। इन नामों से गुलामियत की बू आती है। उन्होंने बताया कि नामकरण के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है। जिसका शहर में जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। हस्ताक्षर की प्रतियां प्रधानमंत्री व बीसीसीआई अध्यक्ष को भेजकर मांग की जाएगी कि ग्रीनपार्क का नाम बदलकर शहीद चन्द्रशेखर कर दिया जाये। पाण्डेय ने कहा कि यह शहर क्रान्तिकारियों के लिए मुरीद रहा है और देश के ज्यादातर क्रांतिकारी यहां पर सरंक्षण पाते थे। ऐसे में हमारी मांग है कि स्टेडियम का नाम शहीद के नाम पर हो।