ग्रैंड स्लैम नियमों में बदलाव के पक्ष में आए फेडरर, जोकोविक

 

लंदन, पूर्व नंबर-1 पुरुष टेनिस खिलाड़ी सर्बिया के नोवाक जोकोविक और स्विट्जरलैंड के दिग्गज रोजर फेडरर मैच के दौरान चोटिल होकर खिलाड़ियों के रिटायर होने को लेकर ग्रैंड स्लैम के मौजूदा नियमों के बदलाव के पक्ष में हैं। इन दोनों खिलाड़ियों को पहले दौर में अपने विपक्षी खिलाड़ी के रिटायर होने के कारण दूसरे दौर में प्रवेश मिला है। जोकोविक का पहले दौर में मुकाबला कजाकिस्तान के मारिन क्लीजान से था, जो दूसरे सेट में चोट के कारण रिटायर हो गए। वहीं फेडरर का मुकाबला पहले दौर में यूक्रेन के एलेक्जेंडर डोलगोपोलोव के साथ था।

वह भी चोटे के कारण मुकाबला पूरा नहीं कर पाए।  दरअसल, ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट के पहले दौर में हारने वाले खिलाड़ी को इस साल 35,000 पाउंड मिलेंगे। इसी कारण चोटिल खिलाड़ी भी ग्रैंड स्लैम में उतरते हैं और पहले दौर में ही चोट के कारण रिटायर हो जाते हैं। जोकोविक और फेडरर इसी नियम में बदलाव चाहते हैं। जोकोविक ने कहा, लॉकर रूम में हम मजाक कर रहे थे कि सेंटर कोर्ट पर हमें एक अभ्यास मैच खेलना चाहिए। इस नियम पर ध्यान देने की जरूरत है।

वहीं एटीपी द्वारा इसी साल लाए गए नियम के मुताबिक, खिलाड़ी पहले दौर के मैच से पहले रिटायर हो सकता है और अपनी इनामी राशि अपने पास ही रख सकता है। यह नियम ग्रैंड स्लैम में नहीं है। हारने वाला खिलाड़ी अपना स्थान और इनामी राशि सुरक्षित रखेगा। जोकोविक ने कहा, एटीपी का जो नया नियम है, मैं उस नियम का समर्थन करता हूं। वहीं फेडरर के मुताबिक, सवाल यह है कि क्या उन्हें मैच की शुरुआत करनी चाहिए? उन्होंने कहा, इस बात का जवाब सिर्फ खिलाड़ी दे सकता है। मुझे लगता है कि उन्हें अपना स्थान किसी और दे देना चाहिए। बेशक वो खेलने के हकदार हैं लेकिन फिटनेस उन्हें रोक देती है। फेडरर ने कहा, शायद ग्रैंड स्लैम को एटीपी के कुछ नियम अपनाने चाहिए।

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