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चंद्रशेखर से सावधान रहने की जरुरत: आकाश आनंद

संतकबीरनगर, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती के राजनीतिक उत्तराधिकारी एवं पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद ने आजाद पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद को बहुजन विरोधी बताते हुए जनता से सावधान रहने की अपील की।

जिले के बखिरा कस्बे में स्थित बीएमजीएन इण्टर कालेज के प्रांगण में पार्टी प्रत्याशी मोहम्मद आलम के पक्ष में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा ) पर निशाना साधते हुये कहा कि उत्तर प्रदेश में गुजरात मॉडल की कोई जगह नहीं है।

आनंद ने कहा कि लोकसभा आम चुनाव में विपक्षी साम दाम दण्ड भेद का इस्तेमाल करेंगे क्योंकि वे अब कमजोर और डरे हुए हैं जिससे बहुजनों को सावधान रहने की जरूरत है। बिना नाम लिए आसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद पर हमला बोलते हुए कहा कि कुछ लोग आज बहुजनों और बसपा कार्यकर्ताओं के बीच जय भीम बोलकर और नीला पटका पहनकर कार्य करते हैं और धीरे-धीरे जब नेता बनते हैं तो बहुजन विरोधी का समर्थन करते हैं। ऐसे लोगों को पहचानना जरूरी है। जब कोई बसपा और बहन जी के अलावा दूसरे को वोट देने को कहे तो ऐसे लोगों से सावधान रहें क्योंकि ये बहरूपिए बसपा और बहुजन आंदोलन को कमजोर कर रहे हैं।

उन्होने कहा कि बसपा अध्यक्ष मायावती ने प्रदेश में चार बार सरकार बना कर प्रदेश को विकास के रास्ते पर लाकर खड़ा किया था। बसपा सरकार में गरीबों, पिछड़ों और वंचितों को समान अवसर प्राप्त हुआ। युवाओं को शिक्षा और रोजगार मिला। बसपा सरकार में 90 हजार शिक्षक भर्ती, एक लाख सफाई कर्मचारियों की भर्ती, एक लाख पुलिस भर्ती के साथ ही खाली पड़े सरकारी पदों पर बिना किसी भेदभाव के युवाओं की भर्ती करके सरकारी नौकरी दी गई। महामाया गरीब बालिका आशीर्वाद योजना के तहत एक लाख लड़कियों को जन्म लेते ही लखपति बनाया गया।

बसपा नेता ने कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर ने कहा था कि ‘ शिक्षा शेरनी का दूध है जो जितना पीयेगा उतना दहाड़ेगा ‘ इसके तहत सुश्री मायावती ने सावित्री बाई फुले बालिका शिक्षा मदद योजना के तहत मुफ्त शिक्षा, साइकिल और आर्थिक मदद देकर लड़कियों को शेरनी बनाने का काम किया। साथ ही महामाया आवास योजना के तहत लाखों गरीबों को आवास दिया गया जबकि गरीबों, अल्पसंख्यकों और पिछड़ों के घरों पर आज की सरकार ने बुलडोजर चलाकर ढहाने का कार्य किया है।

उन्होने कहा कि आज बसपा के विरुद्ध यह दुष्प्रचार किया जाता है कि हाथी किताबों के बोझ से दब रही है।यह किताब बोझ नहीं बल्कि कार्यकर्ता का कर्त्तव्य है क्योंकि यह मूवमेंट धन्नासेठों और उद्योगपतियों के चन्दे से नहीं बल्कि आम कार्यकर्ताओं के मेहनत की कमाई से चलती है। इलेक्टोरल बांड के द्वारा देश के 25 पार्टियों ने साढ़े 16 हजार करोड़ रुपये का चंदा उद्योगपतियों से लिया लेकिन बसपा ने उद्योगपतियों से एक रुपये भी चंदा नहीं लिया। बीएसपी कार्यकर्ताओं के दम पर पूरे देश में चुनाव लड़ती है।

बसपा संयोजक ने कहा कि भाजपा, कांग्रेस और सपा वादे के नाम पर वोट मांगने आयें तो उनसे सत्ता में रहने के दौरान कार्यों का हिसाब और रिकार्ड मांगना। बसपा मेनिफेस्टो नहीं जारी करती है बल्कि कार्य करने में यकीन करती है। चुनाव आयोग पर भी आकाश ने पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि हमें जाति धर्म के नाम पर वोट मांगने से रोका जाता है और भाजपा राम मंदिर के नाम पर वोट मांग रही है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।