इटावा, दस्यु गिरोहों के खात्मे के बाद निर्जन चंबल घाटी को उत्तर प्रदेश पुलिस ने प्रशिक्षु दरोगाओं का प्रशिक्षण का केंद्र बना कर नई पहचान दी है। मुरादाबाद से आये महिला और पुरूष प्रशिक्षु दरोगा ने तीन दिन तक चंबल घाटी मे सघन अभियान के जरिये डाकुओं के सफाये से जुडे हुए अहम गुर सीखे।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष मिश्रा ने बताया कि पुलिस महा निरीक्षक प्रशिक्षण विद्यालय मुरादाबाद के निर्देश पर चंबल घाटी के बीहडों को पुलिस सब इंस्पेक्टर के प्रशिक्षण के लिए चयनित किया गया है। जहां पुलिस अफसरों को घाटी में डाकू के रहने के ठिकानों के अलावा यहां के भौगोलिक धरातल का अनुभव प्राप्त कराया गया। गुरूवार शाम से शुरू हुआ यह तीन दिनी प्रशिक्षण शनिवार रात को खत्म को हुआ। जहॉ दिन मे बीहड़ और डाकुओं से जुडी हुई जानकारियां भ्रमण करके दी गई वही नाइट काम्बिंग व कैम्पिंग भी कराया गया। ट्रेनी उप निरीक्षकों को बीहड़ी क्षेत्र में पुलिस के लिए आने वाली चुनौतियों से निपटने की विशेष तौर पर शातिर बदमाशों द्वारा बीहड़ी क्षेत्र में पुलिस पर होने वाले हमलों से बचने की ट्रेनिंग दी गई ।
मिश्रा ने बताया कि इसमें मुठभेड़ के दौरान ऊंची जगहों पर पहुंचकर बदमाशों की घेराबंदी व चार पहिया वाहन न पहुंचने की स्थिति में दो पहिया वाहन से अधिक से अधिक दूरी को तय करने का प्रशिक्षण मे रखा गया। वर्ष 2015 एवं 2017 में चित्रकूट व उसके आसपास के इलाकों में डाकू गैंग गिरोह के सक्रिय होने व पुलिस पर हुए हमलों को ध्यान में रखते हुए बीहड़ में विशेष प्रशिक्षण का कोर्स नागरिक पुलिस में शामिल किया गया। पुलिस ट्रेनिंग स्कूल मुरादाबाद में इसके लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं हालांकि यह पहला मौका है जब इटावा जिले में इस प्रकार का प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया।
यह पहला मौका रहा है जब दस्यु सरगनाओं की शरणस्थली कहे जाने वाले यमुना और चंबल के बीहड़ में उप निरीक्षक की ट्रेनिंग ले रहे 267 ट्रेनी दरोगाओं को काम्बिंग का प्रशिक्षण दिया गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस विशेष प्रशिक्षण का उद्देश्य इटावा समेत बीहड़ी क्षेत्रों में कानून व्यवस्थाए सुरक्षा जैसे अहम मुद्दों पर भौगोलिक पृष्ठभूमि का समझना हैए जिससे दस्यु संगठनों के समाप्त होने के बाद इन क्षेत्रों में पुलिस को सुरक्षा के लिए आने वाली चुनौतियों से तैयार किया गया । चंबल घाटी मे एक वक्त छोटे बडे सैकड़ों की तादात मे डाकुओ को आंतक हुआ करता था लेकिन आज के समय मे पुलिस की प्रभावी कार्यवाहियो के नतीजो मे छोटे बडे डाकुओं का सफाया हो चुका है।
उत्तर प्रदेशए मध्यप्रदेश और राजस्थान का बीहड़ डाकुओ की खास विशेष पनाहगाह बना रहा है। जिसमे अनगिनत डाकुओ को शरण मिलती रही है। एक समय चंबल मे रामआसरे फक्कडए निर्भय गुर्जरए जगजीवन परिहारए रज्जन गूर्जरए अरविंद गुर्जरए रामवीर सिंह गुर्जरए कुसमा नाइनए लवली पांडेए सीमा परिहारए सरला जाटवए नीलम गुप्ता आदि का खासा आंतक रहा है। वैसे चंबल की खूबसूरती अपने आप मे निराली मानी जाती है । यहॉ की चंबल नदी मे सैकडो की तादात मे जलचर पाये जाते है जो यहॉ की खूबसूरती को चार चांद लगाते है । राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी की वादियों में विदेशी पक्षियों का करलव आकर्षण का केंद्र रहता है ।