चप्पल, जूतों पर GST दर घटाकर 12 प्रतिशत करने की मांग
January 21, 2019
नयी दिल्ली, चमड़ा निर्यात परिषद (सीएलई) ने 1,000 रुपये से ऊपर के चमड़े के जूते-चप्पलों पर जीएसटी दर घटाकर 12 प्रतिशत करने की गुहार लगाई है। इसका उद्देश्य निर्यात और विनिर्माण को बढ़ावा देना है। वर्तमान में, 1000 रुपये तक के जूते-चप्पल पर जीएसटी को घटाकर 5 प्रतिशत किया गया था जबकि इससे ऊपर के उत्पादों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगती है।
सीएलई के चेयरमैन पी आर अकील अहमद ने बताया, “जूते-चप्पल कोई विलासिता की वस्तु नहीं है और हम सरकार से इस पर जीएसटी की दर घटाकर 12 प्रतिशत करने का आग्रह करते हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में विनिर्माण और निर्यात दोनों के लिये बड़ी मात्रा में संभावनाएं हैं। हमें सरकार से सहयोग की जरूरत है। जीएसटी रिफंड पर अहमद ने कहा कि सीएलई देश में सभी चमड़ा कल्सटरों में जागरूकता और पहुंच बढ़ाने के लिये कार्यक्रम आयोजित कर रहा है।
उन्होंने कहा कि जीएसटी रिफंड की प्रक्रिया समय पर होनी चाहिये। यह बड़ी एवं छोटे निर्यातकों को विदेशी खरीदारों से नये ऑर्डर दिलाने में मदद करेगा। वर्तमान में, देश से चमड़े और उससे बने उत्पादों का निर्यात 6 अरब डॉलर है। भारत यूरोप और अमेरिका समेत अन्य देशों में निर्यात करता है।पिछले साल वाणिज्य मंत्री ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिये चमड़ा क्षेत्र को 2,600 करोड़ रुपये का पैकेज देने का ऐलान किया था। चमड़ा क्षेत्र में करीब 42 लाख लोग काम करते हैं।
नयी दिल्ली, चमड़ा निर्यात परिषद (सीएलई) ने 1,000 रुपये से ऊपर के चमड़े के जूते-चप्पलों पर जीएसटी दर घटाकर 12 प्रतिशत करने की गुहार लगाई है। इसका उद्देश्य निर्यात और विनिर्माण को बढ़ावा देना है। वर्तमान में, 1000 रुपये तक के जूते-चप्पल पर जीएसटी को घटाकर 5 प्रतिशत किया गया था जबकि इससे ऊपर के उत्पादों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगती है।
सीएलई के चेयरमैन पी आर अकील अहमद ने बताया, “जूते-चप्पल कोई विलासिता की वस्तु नहीं है और हम सरकार से इस पर जीएसटी की दर घटाकर 12 प्रतिशत करने का आग्रह करते हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में विनिर्माण और निर्यात दोनों के लिये बड़ी मात्रा में संभावनाएं हैं। हमें सरकार से सहयोग की जरूरत है। जीएसटी रिफंड पर अहमद ने कहा कि सीएलई देश में सभी चमड़ा कल्सटरों में जागरूकता और पहुंच बढ़ाने के लिये कार्यक्रम आयोजित कर रहा है।
उन्होंने कहा कि जीएसटी रिफंड की प्रक्रिया समय पर होनी चाहिये। यह बड़ी एवं छोटे निर्यातकों को विदेशी खरीदारों से नये ऑर्डर दिलाने में मदद करेगा। वर्तमान में, देश से चमड़े और उससे बने उत्पादों का निर्यात 6 अरब डॉलर है। भारत यूरोप और अमेरिका समेत अन्य देशों में निर्यात करता है।पिछले साल वाणिज्य मंत्री ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिये चमड़ा क्षेत्र को 2,600 करोड़ रुपये का पैकेज देने का ऐलान किया था। चमड़ा क्षेत्र में करीब 42 लाख लोग काम करते हैं।