अयोध्या, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंगलवार को कहा कि भगवान राम का जीवन चरित्र जनमानस को भेद-भाव से दूर रहने की शिक्षा देता है जो देश के विकास के लिये बहुत जरुरी है।
आनंदीबेन पटेल ने डा. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि खोये हुए को पुन: प्राप्त करना और उसे आकार देना एवं गठित करना शिक्षण संस्थानों का प्रमुख दायित्व है। गुणवत्ता, शिक्षा एवं संस्कारों को ग्रहण करने का कार्य शिक्षकों का है। शिक्षा विद्यार्थियों के सम्पूर्ण विकास में सहायक है। विश्व स्तर पर हो रही प्रतिस्पर्धा में युवाओं को भारी योगदान देना होगा।
उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी का यह दायित्व है कि आने वाले भविष्य में सभी क्षेत्रों के युवा अपना अहम योगदान दे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में छात्र-छात्राओं को मल्टीपल विषय चुनने की आजादी है। इससे हम अपने विद्यार्थियों को हर क्षेत्र में प्रशिक्षित कर सकते है। विश्वविद्यालय स्तर पर यह तय किया जाए कि विद्यार्थियों की रूचि को बढ़ावा देने के लिए नए नए प्रयोग किए जाए।
राज्यपाल ने कहा “ राम हमारे आदर्श है जो हमारे जीवन में चरित्र के निर्माण में सहायक है। भगवान राम जीवन चित्रण जनमानस को शिक्षा देता है। कि हमें सामान्य तौर पर भेद-भाव से दूर रहना होगा। सबरी का चरित्र हमें क्या सिखाता है। इस पर विचार करना चाहिए। एक दूसरे से सीखना ही जीवन है।”
समारोह में कुलाधिपति ने खेल पर जोर देते हुए कहा कि खेल बच्चों के जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण है। आज समाज में बच्चों को खेलने से मना करने की धारणा पनप रही है। जबकि बच्चों को इससे मना करना उनके शारीरिक एवं मानसिक विकास में बाधा डालना है। सात साल के बच्चों का अस्सी से नब्बें प्रतिशत विकास हो जाता है। यह शोधों से पता चला है कि बच्चों के सर्वागीण विकास के लिए खेल आवश्यक है।
उन्होंने शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं को बताया कि यह वर्ष महारानी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जन्म ज्योति का उत्सव मना रहा है। विश्वविद्यालयों को इस पर व्यापक चर्चा कर महारानी होल्कर के योगदान को समझना चाहिए। कुलाधिपति ने कहा कि विश्वविद्यालयों में शोध कार्यों के मूल्यांकन के लिए वैश्विक स्तर पर कार्य करना होगा। तभी हम उच्च गुणवत्ता को प्राप्त कर सकेंगे।
समारोह में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी ने कहा कि विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत संचालित समस्त पाठ्यक्रमों के शैक्षणिक परिणाम संतोषजनक और विद्यार्थियों के समग्र विकास में सहायक सिद्ध हुए हैं। इसके तहत भारतीय ज्ञान परंपरा, मूल्यों और सांस्कृतिक विरासत से संबंधित विषय-वस्तुओं को पाठ्यक्रमों में समाहित किया गया है, जिससे विद्यार्थियों को न केवल आधुनिक ज्ञान प्राप्त हो, बल्कि वे अपनी जड़ों से भी जुड़े रहें।
उन्होंने कहा कि आज हम सभी प्रभु श्री राम की जन्मस्थली अयोध्या में हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने अनेक विकास के कार्य किए हैं। इसके साथ-साथ हम लोगों ने सदियों से सपना देखा था, कि भगवान श्री राम अपनी जन्मस्थली पर विराजमान हो आज वह समय आ गया। जब प्रभु श्री राम भव्य दिव्य मंदिर में विराजमान है। इसके साथ ही साथ हम देखते हैं काशी है। विंध्यवासिनी माता का गलियारा है। और अभी हम सब लोगों ने महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाई है।