लखनऊ, उत्तर प्रदेश में सत्ता वापसी के लिए प्रयासरत बहुजन समाज पार्टी ने आज कांग्रेस को तगड़ा झटका दिया है। बसपा ने कांग्रेस के साथ ही सत्तारूढ़ पार्टी समाजवादी पार्टी के खेमे में भी सेंध मारी है। आज बहुजन समाज पार्टी में कांग्रेस के तीन मुस्लिम विधायक शामिल हो गये। सपा के भी एक मुस्लिम विधायक ने बसपा का दामन थामा है। कांग्रेस के तीन तथा प्रदेश की सत्ता पर काबिज समाजवादी पार्टी के एक विधायक ने आज बहुजन समाज पार्टी से नाता जोड़ लिया है।
बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर के साथ ही पार्टी के चीफ को-आर्डीनेटर नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने आज विधान भवन में बसपा विधानमंडल कल के कार्यालय में इन विधायकों के बहुजन समाज पार्टी में शामिल होने की घोषणा की। कांग्रेस के विधायक नावेद मियां (स्वार, रामपुर), दिलवनाज खान (बुलंदशहर) तथा मोहम्मद मुस्लिम (अमेठी) के साथ ही समाजवादी पार्टी के नवाजिश आलम खान (बुढाना, मुजफ्फरनगर ) को बसपा के बड़े नेताओं ने आज पार्टी में शामिल कराया। इनके साथ ही भारतीय जनता पार्टी की सरकार में मंत्री रहे अवधेश वर्मा भी बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गये। कांग्रेस के विधायक रहे दिलनवाज खान को प्रदेश के मंत्री आजम खां का बेहद करीबी माना जाता है। आजम खां बुलंदशहर में उनके कार्यक्रमों में जाते भी हैं। समाजवादी पार्टी के नवाजिश आलम खान ने भी पार्टी को छोड़ दिया। नवाजिश आलम खान मुजफ्फरनगर जिले की बुढ़ाना से विधायक हैं। कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका अमेठी तथा रामपुर से लगा है। कांग्रेस के गढ़ अमेठी के तिलोई से कांग्रेस विधायक डा. मुस्लिम का भी पार्टी से मोहभंग हो गया है। इसके साथ ही लंबे समय से कांग्रेस का झंडा थामने वाली बेगम नूर बानो के पुत्र रामपुर के स्वार से कांग्रेस के विधायक नवाब काजिम अली भी बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गये। कांग्रेस के उत्तर प्रदेश में मुस्लिम व ब्राह्मण गठजोड़ के साथ 27 वर्ष बाद सत्ता में वापसी के अभियान को झटका लगा है। आज कांग्रेस के तीन मुस्लिम विधायकों ने मायावती का दामन थाम लिया है। बसपा में आज बीएसपी में शामिल होने वाले सभी विधायक मुस्लिम हैं। कांग्रेस ने इन सभी विधायकों को राज्यसभा चुनाव में क्रास वोटिंग के कारण निलंबित किया था। बहुजन समाज पार्टी के इस अभियान से साफ हो गया है कि अब पार्टी दलित, ब्राह्मण और मुस्लिम वोट बैंक को साधने की तैयारी में है। उत्तर प्रदेश में करीब 21 प्रतिशत दलित, 18 प्रतिशत मुस्लिम और 14 प्रतिशत ब्राह्मण मतदाता हैं।