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चालू वित्त वर्ष में 7.3 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है भारत की जीडीपी- विश्वबैंक

kवाशिंगटन,  भारत की अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान 7.3 प्रतिशत तथा इसके बाद अगले दो साल के दौरान 7.5 प्रतिशत की दर से वृद्धि होने का अनुमान है। विश्वबैंक ने यह अनुमान व्यक्त किया है। विश्वबैंक ने कहा है कि भारत विश्व की सबसे तेजी से वृद्धि करने वाली मुख्य अर्थव्यवस्था बना रहेगा।

विश्वबैंक ने जारी वैश्विक आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट- जनवरी 2019 में कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था के 2019 और 2020 में 6.2 प्रतिशत तथा 2021 में छह प्रतिशत की दर से वृद्धि करने का अनुमान है। विश्वबैंक परिदृश्य समूह के निदेशक आह्यान कोसे ने  एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘भारत की आर्थिक वृद्धि का परिदृश्य अब भी शानदार है। भारत अभी भी सबसे तेजी से वृद्धि करने वाली विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्था है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘निवेश में तेजी आने तथा उपभोग के मजबूत बने रहने से हमारा अनुमान है कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2018-19 में 7.3 प्रतिशत की दर से तथा 2019 और 2020 में 7.5 प्रतिशत की औसत दर से वृद्धि हो सकती है। भारत ने कारोबार सुगमता रैंकिंग में भी सुधार दर्ज किया है। भारत में वृद्धि की संभावनाएं हैं। विश्वबैंक ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा कि भारत में आर्थिक वृद्धि की गति को तेजी मिली है। इसे उपभोग में वृद्धि तथा तात्कालिक कारकों का प्रभाव मंद होने के बाद निवेश में तेजी से समर्थन मिला है।

उसने कहा कि बैंकों के पुनर्पूंजीकरण तथा माल एवं सेवा कर जैसे संरचनात्मक सुधारों के कारण घरेलू मांग बढ़ी है। विश्वबैंक ने कहा कि मजबूत घरेलू मांग के कारण अगले साल चालू खाता घाटा जीडीपी का 2.6 प्रतिशत रह सकता है। उसने कहा कि ईंधन तथा खाद्य पदार्थों की कीमतों के बढ़ने के कारण मुद्रास्फीति रिजर्व बैंक के लक्ष्य के मध्य से कुछ ऊपर रह सकती है। उसने कहा कि जीएसटी तथा नोटबंदी के कारण भारत में अनौपचारिक क्षेत्र से औपचारिक क्षेत्र के बदलाव को प्रोत्साहन देखने को मिलेगा। कोसे ने कहा, ‘‘भारत की वृद्धि के हालिया आंकड़ों से पता चलता है कि तात्कालिक अवरोधों  के बाद भी अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है।’’