नई दिल्ली, भारत के लिए अपने इंटरनेशनल करियर की यादगार शुरुआत करने वाले हरियाणा के जयंत यादव लेग स्पिनर बनते बनते ऑफ स्पिनर बन गए। जयंत ने इंग्लैंड के खिलाफ हाल में खत्म हुई टेस्ट सीरीज में तीन मैच खेले जिनमें उन्होंने एक सेंचुरी समेत 221 रन बनाए और कुल नौ विकेट झटके। जयंत का मुंबई में इंग्लैंड के खिलाफ 104 रन का प्रदर्शन जबरदस्त रहा जिसकी बदौलत भारत ने इस टेस्ट को पारी से जीता। इससे पहले मोहाली टेस्ट में भी उन्होंने अर्धशतक बनाया था और कुल चार विकेट लिए।
अपने करियर की शुरुआती उछाल से संतुष्ट जयंत ने कहा, दरअसल मैं पहले लेग स्पिनर बनना चाहता था। मेरे परिवार में तीन भाई लेग स्पिनर थे। लेकिन जब मैं लेग स्पिनर बनने लगा तो भाइयों ने कहा कि परिवार में कम से कम एक ऑफ स्पिनर तो होना चाहिए और फिर मैं ऑफ स्पिनर बन गया। 26 वषीर्य जयंत ने कहा, मेरे शुरुआती आदर्श ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज लेग स्पिनर शेन वार्न थे। लेकिन उसके बाद मेरे आदर्श बदलते रहे। श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन मेरे आदर्श बने। फिर हरभजन सिंह बने और अब रविचंद्रन अश्विन मेरे आदर्श बने हैं।
अपने डेब्यू को लेकर उन्होंने कहा, मैंने सही समय पर अपने खेल का स्तर उठाया और सही समय पर अच्छा प्रदर्शन किया। कप्तान विराट कोहली ने भी सीरीज के दौरान मेरा हौसला लगातार बनाए रखा। मुंबई टेस्ट में मेरी कप्तान विराट के साथ 141 रन की अहम साझेदारी हुई थी जो उस मैच में हमें बढ़त दिलाने में निणार्यक रही थी।
दिल्ली में जन्मे जयंत रणजी ट्रॉफी में हरियाणा की ओर से खेलते हैं और आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स का हिस्सा रहे हैं। अपने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 1769 रन बनाने वाले और 126 विकेट लेने वाले जयंत ने करियर की शुरुआत 2011 में 21 साल की उम्र में की थी। अपने पहले मैच में उन्होंने छह विकेट लिए थे और हरियाणा को गुजरात के खिलाफ जीत दिलाई थी। लोअर ऑर्डर के उपयोगी बल्लेबाज जयंत को जब इंग्लैंड के खिलाफ मौका मिला तो इसे उन्होंने दोनों हाथ से भुनाया। जयंत ने विशाखापत्तनम में दूसरे टेस्ट में 35 और नॉटआउट 37 और चार विकेट, मोहाली में तीसरे टेस्ट में 55 रन और चार विकेट और मुंबई में चौथे टेस्ट में 104 रन और एक विकेट जैसे प्रदर्शन कर रातोंरात अपनी पहचान बना ली।