चिटफंड मामले में चल रही सीबीआई जांच मे, भाजपा या प्रधानमंत्री कार्यालय से कौन शामिल है ?
January 4, 2017
कोलकाता,भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि उनकी पार्टी का चिटफंड मामले में चल रही सीबीआई जांच से कोई लेना-देना नहीं है।
विजयवर्गीय का यह बयान तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी द्वारा भाजपानीत केंद्र सरकार पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाने पर आया है। ममता ने चिटफंड घोटाले में अपने संसद सदस्यों को गिरफ्तार किए जाने पर यह आरोप लगाया है। तृणमूल सांसद और लोकसभा में पार्टी के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय को मंगलवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने रोजवैली चिट फंड घोटाले में घंटे भर पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था। तृणमूल के एक अन्य सांसद तपस पॉल को पहले ही घोटाले से जुड़े होने के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है। विजयवर्गीय ने यहां मीडिया से कहा, सीबीआई जांच का आदेश 2014 की शुरुआत में दिया गया। एजेंसी ने दो नेताओं को 2015 में नोटिस भेजा। उनसे पूछताछ की गई और बाद में उन्हें संतोषजनक जवाब देने में नाकाम रहने पर गिरफ्तार किया गया। मैं जानना चाहता हूं कि इसमें भाजपा या प्रधानमंत्री कार्यालय से कौन शामिल है। उन्होंने कहा, इसमें केंद्र पर नोटबंदी के विरोध को लेकर राजनीतिक बदले का आरोप लगाना एक मुख्यमंत्री के लिए बेहद शर्मननाक है। चिट फंड मामले की जांच कई सालों से चल रही है, जबकि नोटबंदी करीब दो महीने पहले हुई है। भाजपा नेता ने कहा कि तृणमूल के सांसदों की गिरफ्तारी पर कांग्रेस की टिप्पणी पार्टी की राजनीतिक अपरिपक्वता को साबित करती है। उन्होंने कहा, पश्चिम बंगाल में चुनावों से पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सभी चिट फंड घोटाले की कड़ाई से सीबीआई जांच की मांग की थी। राज्य के नेता अब्दुल मन्नान ने भी घोटालों से जुड़े अपराधियों को सजा देने की अपील की थी। उन्होंने कहा, अब पूरी जांच चल रही है तो यही नेता तृणमूल के आरोपों का समर्थन कर रहे हैं। यह राहुल गांधी और उनकी पार्टी की राजनीतिक अपरिपक्वता को दिखाता है।