चीनी के दोमों में 7 साल में सबसे बड़ा उछाल


केंद्र सरकार ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया था कि वह चीनी की कीमतें 40 रुपए प्रति किलो से ऊपर नहीं चाहती। महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में ध्यानेश्वर सहकारी शक्कर कारखाने ने एल ग्रेड वाली शुगर बेची। एल ग्रेड वाली शुगर का उत्पादन कम मात्रा में होता है। हालांकि, घरों में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होने वाली एम ग्रेड शुगर सरकार के 40 रुपए/किलो के कंफर्ट लेवल के करीब 39 रुपए/किलो पर मिल रही है।
इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि जमाखोरी के चलते चीनी के दाम नहीं बढ़े हैं। उनके मुताबिक, इसकी बुनियादी वजहें हैं। व्यापारियों ने दावा किया कि उनके बीच डर बढ़ा है, क्योंकि कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़े के मुताबिक देश में चीनी की खुदरा कीमतें 36-47 रुपए प्रति किलो की रेंज में रहीं। चीनी उद्योग को लंबे वक्त के बाद पिछले साल कुछ राहत मिली। पहले चीनी की कीमत इतनी कम हो गई थी कि मिलों के लिए लागत वसूल पाना मुश्किल हो रहा था।