लखनऊ , उत्तर प्रदेश की सत्ता हासिल करने के लिये पिछले दो महीने कडी मेहनत करने वाले सियासी दलों का रिजल्ट आने में अभी भले ही दो दिन का समय बचा है मगर सत्रहवीं विधानसभा के चुनाव में मतदाताओं को पोलिंग बूथ पर खींचने की मुहिम में चुनाव आयोग फर्स्ट डिवीजन पास हो चुका है।
सात चरणों में चलने वाला चुनावी सफर 11 फरवरी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश से शुरू हुआ था जो कल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी समेत सात जिलों में जाकर थम गया हालांकि पांचवें चरण में अंबेडकरनगर के आलापुर में प्रत्याशी की मृत्यु के कारण स्थगित मतदान आज निर्विघ्न जारी है। मतगणना 11 मार्च को होगी।
पिछले सालों की अपेक्षा इस बार उत्तर प्रदेश के लोगों ने चुनावी महाकुंभ में बढचढ का हिस्सा लिया जिसकी बदौलत सात चरणों में औसतन 60 फीसदी से ज्यादा वोट पडे और चुनावी इम्तिहान में आयोग प्रथम श्रेणी में पास हो गया। पांचवे और छठे चरण में मतदान मामूली तौर पर फीका रहाए हालांकि यह वर्ष 2012 के चुनाव की अपेक्षा अधिक था जबकि शेष चार चरणों में साठ फीसदी से ज्यादा लोगों ने वोट डाले।
मतदान के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिये आयोग ने इस बार कडी मेहनत की थी। अधिसूचना जारी होने के बाद आयोग ने विभिन्न स्तर पर मतदाता जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये। स्कूलएखेल के मैदानएसभागारएगांव की चौपालएगलीएनुक्कडएचौराहों पर मतदान के प्रति जागरूक करने के लिये सभायें हुयी।पोस्टरएबैनर के अलावा टेलीविजनए रेडियो से जमकर प्रचार किया गया। सोशल मीडिया के जरिये भी वोट के महत्व पर प्रकाश डाला गया। आयोग की मेहनत रंग लायी। मतदाताओं का साथ मिलने से विभिन्न जिला प्रशासन खुशी से फूले नही समा रहे हैं।