नई दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि वोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल से ईवीएम को लैस किए बगैर चुनावों में इनके इस्तेमाल को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर वह 13 अप्रैल को सुनवाई करेगा। प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली पीठ ने समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद अताउर रहमान की याचिका पर अलग से सुनवाई करने से इंकार कर दिया जिन्होंने ऐसे ईवीएम से चुनाव कराने की मांग की जिसमें वीवीपीएटी लगा हुआ है।
न्यायमूति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एसके कौल की पीठ ने सोमवार को कहा, इस तरह के मुद्दों वाली याचिकाओं पर 13 अप्रैल को सुनवाई होगी। आप उस वक्त अपनी बात रख सकते हैं। पीठ ने कहा, हम आपको अपनी बात रखने का अवसर देंगे लेकिन हम मामले की अलग से सुनवाई नहीं करेंगे। रहमान की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता पी. चिदंबरम ने कहा कि उच्चतम न्यायालय पहले ही चुनाव आयोग को विशिष्ट निर्देश दे चुका है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए पेपर ट्रेल अत्यंत आवश्यक है लेकिन इसे अभी तक लागू नहीं किया गया है।
बहरहाल पीठ ने चिदंबरम से कहा कि 13 अप्रैल को इसी तरह की याचिकाओं पर होने वाली सुनवाई में अपना मुद्दा उठाएं। 13 अप्रैल को ईवीएम के इस्तेमाल को चुनौती वाली बहुजन समाजवादी पार्टी की इसी तरह की याचिका पर सुनवाई होगी। रहमान ने आयोग को निर्देश देने की मांग की है कि वीवीपीएटी के बगैर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाए और जब तक ईवीएम में वीवीपीएटी नहीं लगाया जाता है तब तक आगामी चुनावों को मतपत्रों के माध्यम से कराया जाए।