लखनऊ, इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में अपना दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की दावेदारी के मामले में चुनाव आयोग से कहा है कि एक माह में इस मामले में निर्णय लें तथा यह भी तय करें कि वह ऐसे मामलो में निर्णय ले सकते हैं अथवा नहीं। न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए अपना दल पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किये जाने का मामला चुनाव आयोग के पाले में डाल दिया है।
यह आदेश आज न्यायमूर्ति अमरेश्वर प्रताप शाही एवं न्यायमूर्ति संजय हरकौली की खंडपीठ ने याची अपना दल के अध्यक्ष सोने लाल पटेल की पत्नी कृष्णा पटेल द्वारा दायर याचिका पर दिए हैं। याचिका दायर कर कहा गया था कि सोने लाल पटेल की मृत्यु के बाद पार्टी की कार्यकारिणी ने याची को राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया है जबकि दूसरी ओर राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे सोने लाल पटेल की पुत्री अनुप्रिया पटेल ने राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित होने का दावा पेश किया था।
दोनों पक्षो में पद का विवाद होने के बाद मामला उच्च न्यायालय पहुंचा। इस मामले में चुनाव आयोग की ओर से कहा गया कि वह रजिस्टर्ड लेकिन चुनाव आयोग से गैरमान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियों के मामले को हल नहीं कर सकती जबकि अन्य पक्षकारों की ओर से दलील देते हुए कहा गया कि ऐसी राजनीतिक पार्टियों के विवादित मामलों में चुनाव आयोग को निर्णय लेने का पूरा अधिकार है।
न्यायालय ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था। उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए यह आदेश दिये हैं कि चुनाव आयोग अपना क्षेत्राधिकार तय करते हुए मामले का निपटारा करे।