नई दिल्ली, बंबई उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखते हुए उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र के विधायक और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देखमुख के बेटे अमित देशमुख के खिलाफ एक चुनाव याचिका खारिज कर दी। इसमें आरोप लगाया गया कि वह भ्रष्ट क्रियाकलापों में संलिप्त रहे। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की खंडपीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा, हमें हस्तक्षेप करने के लिए कोई कानूनी और वैध आधार नहीं मिला। विशेष अनुमति याचिका खारिज की जाती है। इसीलिए सभी लंबित आवेदन भी निपटाए जाते हैं। शीर्ष अदालत द्वारा इस महीने की शुरूआत में खारिज की गई यह चुनाव याचिका अन्नाराव गोविंदराव पाटिल ने दायर की थी जो लातूर सीट पर कांग्रेस के अमित देशमुख से 2014 विधानसभा चुनाव बड़े अंतर से हारे थे। इस सीट पर कुल 203453 वोट पड़े थे जिसमें से देशमुख (प्रतिवादी संख्या एक) ने 119653 वोट हासिल किये जबकि अन्ना पाटिल को केवल 400 वोट मिले और उनकी जमानत तक जब्त हो गई थी। हारने पर उन्होने बंबई उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ के सामने याचिका दायर करके आरोप लगाया था कि देशमुख ने चुनाव आयोग द्वारा तय खर्चे की सीमा से अधिक धन खर्च किया था। उच्च न्यायालय ने 18 जुलाई 2016 को भ्रष्ट क्रियाकलापों के आरोपों के समर्थन में तथ्यों की कमी के कारण याचिका खारिज की थी। इसके बाद पाटिल ने उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका दायर करके उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी थी।