नयी दिल्ली, चुनाव आयोग ने बहुजन समाजवादी पार्टी की प्रमुख मायावती के इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को जिताने के लिए इलेक्ट्रािनिक वोटिंग मशीनों ;ईवीएमद्ध में गड़बड़ी की गई थी।
गौरतलब है कि बसपा प्रमुख सुश्री मायावती ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के चुनाव नतीजों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आज यह आरेाप लगाया था कि ईवीएम में गड़बड़ी के कारण ही जब भी कोई मतदाता वोट करने के लिए बटन दबाता था तो उसका वोट अपने आप भाजपा के खाते में चला जाता था।
इस संबंध में बसपा के महाचिव सतीश चन्द्र मिश्रा ने आज ही आयोग को पत्र लिखकर इस बात की शिकायत दर्ज करायी थी। आयोग ने श्री मिश्रा के इस पत्र के जवाब में कहा है कि ईवीएम मशीनों का इस्तेमाल 2000 के चुनाव से हो रहा है और इन मशीनों की विश्वसनीयता पर कोई संदेह नहीं किया जा सकता।
ईवीएम मशीनों की शुरुआत चुनाव सुधारों के बारे में 1990 में गठित गोस्वामी कमेटी के सिफारिशों के आधार पर की गई थी। इन मशीनों के तकनीकि विशेषज्ञों में आईआईटी के प्रोफेसर भी शामिल रहे हैं।
इन मशीनों का परीक्षण 1982 में ही पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरु कर दिया गया था और चुनावों के लिए 2004अौर 2009 से पूरे देश में इनका इस्तेमाल किया जाने लगा था।
आयोग ने यह भी कहा है कि मतदान से पहले ईवीएम मशीनों की पूरी जांच की जाती है और प्रायोगिक स्तर पर मतदान कराकर यह पता लगाया जाता है कि इसमें कोई गड़बड़ी तो नहीं है। इसलिए इन मशीनों में गड़बड़ी का जो आरोप लगाया गया है वह पूरी तरह से बेबुनियाद और तर्कहीन है।