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चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री आवास में , बैठक को नहीं माना आचार संहिता का उल्लंघन

गांधीनगर, चुनाव आयोग ने गुजरात के मुख्यमंत्री आवास में सत्तारूढ़ भाजपा की बैठक को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए मुख्य विपक्षी कांग्रेस की ओर से की गयी एक शिकायत को जांच के बाद आज खारिज कर दिया। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एस मुरलीकृष्णा ने यूएनआई को बताया कि इस मामले की जांच के बाद आचार संहिता का उल्लंघन नहीं पाया गया है। आयोग के दिशा निर्देश के अनुसार सर्किट हाऊसए डाक बंगले आदि में ऐसी बैठक नहीं हो सकती पर मुख्यमंत्री निवासी में ऐसी बैठक पर रोक नहीं है। हमने इस मामले को जांच के बाद बंद कर दिया है।

ज्ञातव्य है कि आयोग के निर्देश पर गांधीनगर के जिला कलेक्टर तथा निर्वाचन अधिकारी एस के लांगा ने एक डेप्युटी कलेक्टर स्तर के अधिकारी से यह जांंच करायी थी। सत्तारूढ़ भाजपा के गुजरात की सभी 26 सीटों पर प्रत्याशी चयन के लिए 17 मार्च से तीन दिन की लोकसभा चुनाव समिति तथा पार्टी के प्रदेश संसदीय बोर्ड की बैठक राजधानी गांधीनगर में मुख्यमंत्री निवास में हुई। इसमें पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तथा प्रदेश के लोकसभा चुनाव प्रभारी ओम प्रकाश माथुरए मुख्यमंत्री विजय रूपाणी तथा प्रदेश अध्यक्ष जीतू वाघाणी ने भी शिरकत की थी। सीटों की समीक्षा के बाद अब संभावित उम्मीदवारों की अंतिम सूची केंद्रीय संसदीय बोर्ड को भेजी जायेगी।

कांग्रेस ने आयोग को दी गयी अपनी शिकायत मे आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री निवास एक सरकारी स्थल है और आदर्श आचार संहिता लागू होने के बावजूद वहां भाजपा के प्रत्याशियों के चयन के लिए बैठक करना संहिता का खुलेआम उल्लंघन है।  भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वाघाणी ने हालांकि इस आरोप को यह कहते हुए कल ही ठुकरा था दिया कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह बैठक उनके आवास पर हुई है। यह कोई प्रचार अभियान अथवा रैली नहीं है। चुनाव में निश्चित पराजय के डर से डरी कांग्रेस अब ऐसे मुद्दे उठा रही है।