चुनाव आयोग ने 474 गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों का पंजीकरण किया खारिज

नयी दिल्ली, चुनाव आयोग ने चुनावी व्यवस्था को साफ-सुथरा बनाने के अपने अभियान को जारी रखते हुए और 474 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपी) का पंजीकरण खत्म कर उन्हें ऐसे दलों की अपनी सूची से हटा दिया है।
आयोग ने शुक्रवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि उसने 359 और आरयूपीपी को सूची से हटाने की प्रक्रिया भी शुरू की है। बयान में राजनीतिक दलों के पंजीकरण संबंधी दिशानिर्देशों में उल्लेख है कि यदि कोई दल लगातार छह वर्षों तक चुनाव नहीं लड़ता है, तो उसे पंजीकृत दलों की सूची से हटा दिया जाएगा।
बयान में कहा गया है, “चुनावी व्यवस्था को साफ-सुथरा बनाने की एक व्यापक और सतत रणनीति के तहत, चुनाव आयोग 2019 से लगातार छह वर्षों तक एक भी चुनाव लड़ने की अनिवार्य शर्त को पूरा करने में विफल रहे आरयूपीपी की पहचान करने और उन्हें सूची से हटाने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान चला रहा है।”
इससे पहले 9 अगस्त को, चुनाव आयोग ने 334 आरयूपीपी को 18 सितंबर को इसी आधार पर 474 आरयूपीपी को सूची से हटा दिया था। इस तरह पिछले दो महीनों में अब तक 808 आरयूपीपी को सूची से हटाया जा चुका है।
चुनाव आयोग ने 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 359 और आरयूपीपी की पहचान की है, जिन्होंने लगातार तीन वित्तीय वर्षों (2021-22, 2022-23 और 2023-24) के लिए अपने वार्षिक लेखापरीक्षित खाते जमा नहीं किए हैं और चुनाव लड़ने के बावजूद चुनाव व्यय रिपोर्ट दाखिल नहीं की है।
यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसी भी पार्टी को अनुचित रूप से सूची से बाहर न किया जाए, संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को इन आरयूपीपी को कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया गया है, जिसके बाद संबंधित मुख्य कार्यकारी अधिकारियों द्वारा सुनवाई के माध्यम से पार्टियों को अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाएगा।
बयान में कहा गया है कि चुनाव आयोग, मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर किसी भी आरयूपीपी को सूची से बाहर करने का अंतिम निर्णय लेता है।





