चुनाव ‘फिक्स’ का आरोप हास्यास्पद, कार्यकर्ताओं का भी अपमान : आयोग
राहुल गांधी ने शनिवार को एक अखबार में अपने लेख में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को ‘फिक्स’ बताते हुए आयोग से अपने सवालों पर जवाब मांगा था जिस पर चुनाव आयोग ने आज कहा,“सभी भारतीय चुनाव कानून के अनुसार संचालित होते हैं। भारत में जिस पैमाने और जिस सटीकता के साथ चुनावों का संचालन होता है पूरी दुनिया में उसकी व्यापक रूप से प्रशंसा की जाती है। मतदाताओं द्वारा दिए गए किसी भी प्रतिकूल फैसले के बाद, यह कहकर निर्वाचन आयोग को बदनाम करने की कोशिश करना कि यह पहले से तय था, पूर्णतः हास्यास्पद है।”
आयोग ने यह भी कहा कि पूरा देश जानता है कि निर्वाचक नामावली तैयार करने, मतदान और मतगणना आदि सहित हरेक चुनावी प्रक्रिया मतदान केंद्र से लेकर निर्वाचन क्षेत्र स्तर तक राजनीतिक दलों तथा उम्मीदवारों द्वारा औपचारिक रूप से तैनात अधिकृत प्रतिनिधियों की मौजूदगी में सरकारी कर्मचारी निष्पादित करते हैं। आयोग ने कहा कि किसी के भी द्वारा फैलाई गई कोई भी गलत सूचना न केवल कानून के प्रति अनादर है बल्कि इससे उनके स्वयं के राजनीतिक दल द्वारा नियुक्त हजारों प्रतिनिधियों का भी अपमान होता है। इस तरह के प्रयास से वे लाखों चुनाव कर्मचारी भी हतोत्साहित होते हैं जो चुनावों के दौरान बिना थके और पारदर्शी तरीके से काम करते हैं।
राहुल गांधी को दिए अपने जवाब में आयोग ने यह भी कहा कि इस बारे में पहले उठाए गये सवालों का जवाब निर्वाचन आयोग पिछले वर्ष 24 दिसंबर को ही कांग्रेस को दे चुका है। आयोग ने जवाब में ये सभी तथ्य रखे थे जो आयोग की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। प्रतीत होता है कि बार-बार ऐसे मुद्दे उठाते समय इन तथ्यों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
चुनाव आयोग ने श्री गांधी के चुनाव ‘फिक्स’ होने संबंधी हर सवाल का बिंदुवार जवाब देते हुए खंडन किया है और कहा है कि जो भी आरोप लगाए गये हैं वे निराधार हैं।