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चौंपियन्स ट्राफी: श्रीलंका के खिलाफ भारत की निगाह सेमीफाइनल पर

लंदन,  चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान पर बड़ी जीत दर्ज करके आत्मविश्वास से भरी भारतीय टीम ओवल में श्रीलंका के खिलाफ अपने इसी प्रदर्शन को दोहराकर आईसीसी चौंपियन्स ट्राफी के सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की करने की कोशिश करेगी। मौजूदा चौंपियन भारत ने कप्तान विराट कोहली और कोच अनिल कुंबले के बीच मतभेदों की खबरों को पीछे छोड़कर बर्मिंघम में खेले गये ग्रुप बी के अपने पहले मैच में पाकिस्तान को 124 रन से हराकर अपने अभियान की शानदार शुरूआत की।

भारत ने बारिश से प्रभावित इस मैच में 48 ओवरों में तीन विकेट पर 319 रन बनाये और बाद में जब पाकिस्तान के सामने 289 रन का लक्ष्य था तब उसकी पूरी टीम 164 रन पर ढेर कर दी। दूसरी तरफ श्रीलंका की टूर्नामेंट में शुरूआत निराशाजनक रही। दक्षिण अफ्रीका ने ओवल में खेले गये मैच में उसे 96 रन से करारी शिकस्त दी। उसके गेंदबाज प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे जबकि मध्यक्रम के बल्लेबाज अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरे। भारत के लिये एकमात्र चिंता यहां का अचानक बदलता मौसम है। मौसम की भविष्यवाणी के अनुसार गुरुवार को भारी बारिश होने की 40 प्रतिशत संभावना है।

वर्तमान फार्म और टीम संयोजन को देखते हुए भारत का पलड़ा भारी नजर आता है लेकिन कोहली जानते हैं कि किसी तरह की आत्ममुग्धता में रहना टीम पर भारी पड़ सकता है क्योंकि एकदिवसीय क्रिकेट में परिदृश्य बदलने में देर नहीं लगती है। श्रीलंका के लिये यह करो या मरो जैसा मैच है और वह इसमें कोई कसर नहीं छोड़ेगा। पाकिस्तान पर जीत से भारत का आत्मविश्वास बढ़ा है लेकिन कोहली का मानना है कि टूर्नामेंट का हर मैच महत्वपूर्ण है और टीम को मैदान पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा। कोहली ने कहा, टूर्नामेंट का प्रत्येक मैच महत्वपूर्ण है लेकिन हमारी टीम में कुछ युवा खिलाड़ी हैं जिन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन से टीम में जगह मजबूत की है।

टीम के लिहाज से पाकिस्तान पर जीत बेहद महत्वपूर्ण है। यह हमारे लिये बड़ी जीत थी। हमने पूरे मैच में आत्मविश्वास दिखाया। भुवनेश्वर कुमार, उमेश यादव और जसप्रीत बुमराह की तेज गेंदबाजी की तिकड़ी के शानदार प्रदर्शन, हार्दिक पंड्या का बल्ले और गेंद से प्रभावशाली खेल और रविंद्र जडेजा का स्पिन विभाग की जिम्मेदारी बखूबी संभालने के कारण मोहम्मद शमी और रविचंद्रन अश्विन के लिये फिर से अंतिम एकादश में जगह बनाना मुश्किल होगा। श्रीलंका के बल्लेबाज इसी मैदान पर खेले गये पिछले मैच में इमरान ताहिर की फिरकी से जूझते रहे। अगर ओवल की पिच धीमी गति के गेंदबाजों को मदद देती है तो जडेजा कहर बरपा सकते हैं।

अश्विन के नहीं खेलने की स्थिति में युवराज और केदार जाधव उनका साथ दे सकते हैं। क्षेत्ररक्षण भारत के लिये थोड़ा चिंता का विषय हो सकता है क्योंकि पाकिस्तान के खिलाफ उसके खिलाड़ियों ने कुछ आसान कैच टपकाये। कोहली तीसरे विभाग में भी किसी तरह की ढिलायी नहीं चाहते हैं। कोहली ने कहा, बल्लेबाजी और गेंदबाजी में हमारा प्रदर्शन अच्छा रहा है। मैं इसके लिये दस में से नौ अंक दूंगा। लेकिन क्षेत्ररक्षण में अब भी हमें छह अंक ही मिलेंगे। हमें सर्वश्रेष्ठ टीमों को कड़ी चुनौती देने के लिये अपने क्षेत्ररक्षण को मजबूत करना होगा।

भारतीय टीम का टीम संयोजन जहां लगभग तय है वहीं श्रीलंका के साथ कुछ परेशानियां जुड़ी हुई हैं। दक्षिण अफ्रीका से करारी हार झेलने के अलावा धीमी ओवर गति के कारण उसके कार्यवाहक कप्तान उपुल थरंगा पर दो मैचों का प्रतिबंध भी लग गया और वह भारत के अलावा पाकिस्तान के खिलाफ टीम के आखिरी लीग मैच में भी नहीं खेल पाएंगे। मैथ्यूज ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उपुल नहीं खेल पाएगा। वह हमारी टीम का महत्वपूर्ण खिलाड़ी है। उसने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अच्छी बल्लेबाजी की थी और इसलिए यह निराशाजनक है। ऐसा फिर से नहीं हो सकता।

थरंगा ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टीम की तरफ से सर्वाधिक 57 रन बनाये थे। उनकी अनुपस्थिति में निरोसन डिकवेला के साथ कुसाल परेरा को यह भूमिका निभानी पड़ सकती है जिन्होंने पिछले मैच में नाबाद 44 रन बनाये थे। मध्यक्रम के बल्लेबाज कुसाल मेंडिस, दिनेश चंदीमल और चमारा कापुगेदारा को पिछले प्रदर्शन को भुलाकर अच्छा खेल दिखाना होगा। मैथ्यूज की वापसी से श्रीलंका के मध्यक्रम को मजबूती मिली है। श्रीलंकाई कप्तान ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ अभ्यास मैच में 95 रन बनाये थे और उनसे टीम को फिर से उसी तरह की प्रदर्शन की उम्मीद होगी।

गेंदबाजी हालांकि श्रीलंका का कमजोर पक्ष है। तेज गेंदबाजी में अब भी उसकी टीम लसित मलिंगा पर निर्भर है जो पिछले मैच में विकेट नहीं ले पाये। सुरंगा लखमल, नुवान प्रदीप और असेला गुणरत्ने को भी रन प्रवाह पर रोक लगाने के लिये अतिरिक्त प्रयास करने होंगे। श्रीलंका आलराउंडर तिसारा परेरा को टीम में ले सकता है लेकिन स्पिन विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे सीकुगे प्रसन्ना के लिये चुनौती आसान नहीं होगी।