नयी दिल्ली, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने तकनीकी रूप से उन्नत चौथी पीढ़ी की कम दूरी वाली वायु रक्षा प्रणाली (वीएसएचओआरएडीएस) के सफल उड़ान परीक्षण किये हैं।
रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को यहां बताया कि ये परीक्षण गुरुवार और शुक्रवार को राजस्थान की पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में सीमा और अधिकतम ऊंचाई अवरोधन के महत्वपूर्ण मापदंडों का प्रदर्शन करते हुये, उच्च गति के लक्ष्य पर किये गये ।
इन विकास परीक्षणों ने विभिन्न लक्ष्य निर्धारण परिदृश्यों में हथियार प्रणाली की ’हिट-टू-किल’ क्षमता को प्रदर्शित किया। इन मिसाइलों का विकास पूरा हो चुका है और दो उत्पादन एजेंसियां विकास सह उत्पादन भागीदार मोड में लगी हुई हैं। इससे सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण के अनुरूप कम समय में प्रारंभिक उपयोगकर्ता परीक्षणों और उत्पादन का मार्ग प्रशस्त हुआ है। यह मिसाइल ’ मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम ’है जिसे डी आर डी ओ की अन्य प्रयोगशालाओं और रिसर्च सेंटर इमारात द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है। तीनों सेनायें शुरू से ही इस परियोजना से जुड़ी रही हैं और उन्होंने विकास परीक्षणों के दौरान भाग लिया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल परीक्षणों में शामिल डीआरडीओ, सशस्त्र बलों और उद्योग जगत के भागीदारों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीकों से लैस यह नयी मिसाइल हवाई खतरों के खिलाफ सशस्त्र बलों को और अधिक तकनीकी ताकत देगी। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने भी सफल उड़ान-परीक्षणों के लिये डीआरडीओ टीम, उद्योग भागीदारों और उपयोगकर्ताओं को बधाई दी।