नई दिल्ली, प्रदेश में अब हर छात्र को वजीफा दिया जाएगा। जबकि, शुल्क की भरपाई मेरिट के आधार पर होगी। उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में सीएम ने यह फैसला सुनाया। चालू वित्त वर्ष में योजना का लाभ लेने के लिए रिकॉर्ड 1.10 करोड़ आवेदन आए हैं। इससे पहले यह संख्या 60-70 लाख तक ही सीमित रही है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं में प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सामान्य, पिछड़े, अनुसूचित जाति व जनजाति और अल्पसंख्यक वर्ग के सभी छात्रों को छात्रवृत्ति का लाभ दिया जाएगा। बैठक में तय हुआ कि उसके बाद जो भी बजट बचेगा, उससे मेरिट के आधार पर शुल्क की भरपाई की जाएगी। हालांकि, अनुसूचित जाति व जनजाति के सभी विद्यार्थियों की शुल्क भरपाई के निर्देश दिए गए हैं।
बैठक में इस पर भी सहमति बनी कि अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग की नियमावली की तर्ज पर ही शेष वर्गों के विद्यार्थियों के लिए आयसीमा बढ़ाकर ढाई लाख रुपये सालाना कर दी जाए। अभी तक इन वर्गों के उन्हीं विद्यार्थियों को योजना का लाभ मिलता है, जिनके परिवार की सालाना आमदनी दो लाख रुपये सालाना तक है। सीएम ने कहा कि वर्तमान सरकार ने एससी व एसटी छात्रों के लिए वजीफा 2250 रुपये सालाना से बढ़ाकर तीन हजार रुपये कर दिया है। समाज कल्याण विभाग ने वर्ष 2016-17 में 20.88 लाख छात्रों को छात्रवृत्ति दी थी, जबकि पिछले वित्त वर्ष में 23 लाख छात्रों को योजना का लाभ दिया गया।
इस वर्ष भी 25 लाख से ज्यादा छात्रों को योजना का लाभ दिया जाएगा। समाज कल्याण विभाग सामान्य और अनुसूचित जाति व जनजाति के विद्यार्थियों को ही छात्रवृत्ति देता है। यहां बता दें कि इस साल कुल 1.10 करोड़ विद्यार्थियों ने छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति योजनाओं का लाभ लेने के लिए आवेदन किया है। इनमें से 85 लाख विद्यार्थियों ने अपने आवेदन का फाइनल प्रिंट भी ले लिया है। जबकि, पिछले वर्ष 70 लाख विद्यार्थियों ने ही फाइनल प्रिंट लिया था।