नयी दिल्ली, जनता दल यूनाइटेड के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव का आज निधन हो गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सहित अन्य नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया हैै।
वह 75 वर्ष के थे।
श्री शरद यादव ने आज रात गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। गुड़गांव के फॉर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ने आज यहां एक बुलेटिन जारी कर कहा है कि श्री यादव को इमरजेंसी वार्ड में बेहोशी की हालत में लाया गया था और उनका शरीर काम नहीं कर रहा था जांच के बाद पाया गया कि उनकी नाड़ी की धड़कन बंद हो गई है और रक्तचाप भी रिकॉर्ड नहीं हो पा रहा था उनका प्रोटोकॉल के अनुसार सीपीआर कराया गया। बार-बार प्रयास करने के बावजूद उनकी धड़कन वापस नहीं हो सकी और उन्हें रात्रि 10:19 पर मृत घोषित कर दिया गया।
श्री यादव की पुत्री सुभाषिनी ने सोशल मीडिया पोस्ट में अपने पिता के निधन की सूचना दी।
समाजवादी विचारधारा के श्री यादव मूलतः मध्य प्रदेश के रहने वाले थे तथा जबलपुर में छात्र राजनीति में सक्रिय हो कर बिहार गए और वहां से राष्ट्रीय फलक पर पहचान स्थापित की। वह 1989 में मंडल राजनीति का प्रमुख चेहरा बन कर उभरे। बाद में वह भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हुए।
श्री यादव 1999 से 2004 के बीच प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के नेतृत्व वाली तत्कालीन राजग सरकार में नागर विमानन उपभोक्ता मामले खाद एवं लोक वितरण विभाग के मंत्री थे। वह राजग के संयोजक भी रहे। जनता दल यूनाइटेड से निकाले जाने के बाद उन्होंने2018 में लोकतांत्रिक जनता दल नाम से अपनी पार्टी बनाई थी। उन्होंने मार्च 2020 में उसका लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल में विलय कर दिया।
वह बिहार के मधेपुरा लोकसभा से चार बार सांसद बने। मध्यप्रदेश के जबलपुर से दो बार सांसद चुने गए। तथा उत्तर प्रदेश के बदायूं से भी एक बार लोकसभा के लिए चुने गए। शरद यादव तीन बार राज्यसभा के भी सदस्य थे वह 2003 में जनता दल यूनाइटेड के गठन के बाद से 2016 तक इसके अध्यक्ष रहे। बाद में जनता दल यूनाइटेड ने उन्हें संगठन विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्टी से निकाल दिया था और राज्यसभा की सदस्यता के लिए उनको आयोग भी करार दिया गया। श्री यादव करीब 50 साल राजधानी के लुटियंस जोन में रहे। नयी दिल्ली के तुगलक रोड 307 नंबर कोठी लंबे समय तक उनका आवास रही जहां वे 23 साल बिताए। उन्हें कानूनी प्रक्रिया के चलते पिछले वर्ष मई में यह सरकारी आवास खाली करना पड़ा था। वह छात्र जीवन से राजनीति में आए और उन्होंने बिहार में लालू प्रसाद यादव को 90 के दशक में मुख्यमंत्री बनाने में अहम भूमिका निभाई।
राष्ट्रपति मुर्मू ने ट्वीट किया, “ पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री शरद यादव के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ। लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए लड़ने वाले सत्तर के दशक के छात्र नेता शरद जी संसद में वंचितों की एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय आवाज थे। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं।”
श्री मोदी ने ट्वीट किया, “श्री शरद यादव जी के निधन से बहुत दुख हुआ। अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में उन्होंने खुद को सांसद और मंत्री के रूप में प्रतिष्ठित किया। वे डॉ. लोहिया के आदर्शों से काफी प्रभावित थे। मैं हमेशा उनके साथ हुई बातचीत को संजो कर रखूंगा। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं. ओम् शांति।”
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पूर्व सांसद शरद यादव का निधन पर जताया शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वे विलक्षण प्रतिभा वाले महान समाजवादी नेता थे। उन्होंने वंचितों–शोषितों के दर्द को दूर करने के लिए अपना जीवन समर्पित किया। उनका निधन समाजवादी आंदोलन के लिए बड़ी क्षति है। परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं
श्री शाह ने ट्वीट किया, “शरद यादव जी के निधन का दु:खद समाचार प्राप्त हुआ। शरद यादव जी ने दशकों तक बिहार व भारतीय राजनीति में अपना बहुमूल्य योगदान दिया। दुःख की इस घड़ी में उनके परिजनों व समर्थकों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें। ॐ शांति शांति
कांग्रेस अध्यक्षा मल्लिकार्जुन खडगे ने ट्वीट संदेश में कहा, “देश की समाजवादी धारा के वरिष्ठ नेता, जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष, श्री शरद यादव जी के निधन से दुःखी हूँ। एक पूर्व केंद्रीय मंत्री व दशकों तक एक उत्कृष्ट सांसद के तौर पर देश सेवा का कार्य कर,उन्होंने समानता की राजनीति को मज़बूत किया। उनके परिवार एवं समर्थकों को मेरी गहरी संवेदनाएँ।”
कांग्रेस पार्टी ने भी आधिकारिक ट्वीटर पेज पर ट्वीट कर कहा, “जद-यू के पूर्व अध्यक्ष तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री, वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव जी का निधन भारतीय राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें और उनके परिवार एवं समर्थकों को यह पीड़ा सहने की शक्ति प्रदान करें।”
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने पूर्व केंद्रीय मंत्री, राजद नेता शरद यादव के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उनके तेलंगाना के अलग राज्य आंदोलन को श्री शरद यादव के समर्थन को याद किया। उन्होंने शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की।