नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि सामूहिक प्रयास हमारी परम्परा का हिस्सा रहा है और पिछले छह-सात वर्षों में जनभागीदारी से बड़े -बड़े काम हुए हैं जो अब राष्ट्रीय चरित्र बनता जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने शिक्षक पर्व समारोह के दौरान शिक्षकों, छात्रों और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सामूहिक मंथन से राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में मदद मिली है। सबके प्रयास से देश के संकल्प को नई गति मिलेगी। पिछले छह-सात वर्षों में जनभागीदारी से ऐसे-ऐसे काम हुए हैं, जिनकी कल्पना नहीं की जा सकती है। जनभागीदारी की वजह से स्वच्छता समेत बड़े-बड़े काम हुए हैं और यह अब राष्ट्रीय चरित्र बनता जा रहा है।
उन्होंने राष्ट्रीय पुरस्कार पाने वाले शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा, “आपने कोरोना संकट के कठिन समय में विद्यार्थियों के भविष्य के लिए जो प्रयास किये, वह सराहनीय हैं। कोरोना महामारी के दौरान डेढ़-दो साल बाद स्कूल खुलने के बाद आज विद्यार्थियों के चेहरे पर एक अलग सी मुस्कान और चमक है। लम्बे समय बाद स्कूल जाना दोस्तों से मिलना एक अलग आनंद देता है लेकिन कोरोना प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करना भी आवश्यक है।
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर पांच पहलों की भी शुरुआत की जिनमें 10,000 शब्दों का भारतीय सांकेतिक भाषा शब्दकोश, टॉकिंग बुक्स (नेत्रहीनों के लिए ऑडियो बुक), सीबीएसई का स्कूल गुणवत्ता आकलन एवं मान्यता ढांचा (एसक्यूएएएफ), निपुण भारत के लिए शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम और स्कूलों विकास के लिए शिक्षा स्वयंसेवियों, दाताओं और ‘सीएसआर’ दानकर्ताओं की सुविधा के लिए विद्यांजलि पोर्टल शामिल है।
उल्लेखनीय है कि शिक्षा मंत्रालय शिक्षकों के अमूल्य योगदान को मान्यता देने और नई शिक्षा नीति 2020 को आगे बढ़ाने के लिए पांच से 17 सितंबर के बीच शिक्षक पर्व मना रहा है।