जन्म से ही व्यक्ति की जीविका आरक्षित है लेकिन वर्तमान आरक्षण प्रतिभा की हानि-शंकराचार्य

shankaracharya-nishchalanand-saraswatiउज्जैन, जन्म से ही हर व्यक्ति की जीविका आरक्षित है लेकिन देश में वर्तमान आरक्षण प्रतिभा की हानि है। यह विचार हैं गोवर्धन मठ पुरी पीठ के 145वें शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज के। उन्होने यह विचार,महाकाल प्रवचन हॉल में आयोजित प्रवचन में व्यक्त किये।

गोवर्धन मठ पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने सरकार द्वारा लागू वर्तमान  आरक्षण को अनुचित बताया है। महाकाल प्रवचन हॉल में रविवार शाम प्रवचन में उन्होंने कहा कि सनातन वैदिक सिद्धांत में जन्म से ही हर व्यक्ति की जीविका आरक्षित है आैर इस आरक्षण का मैं घोर पक्षधर हूं।

उन्होने कहा कि लेकिन मै देश में लागू वर्तमान आरक्षण का विरोधी हंू क्योंकि यह प्रतिभा की हानि है। शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण दिए जाने से दो लोगों के बीच प्रतिशोध भी उत्पन्न होता है। दृष्टा के रूप में मैं देख सकता हूं कि इस नीति के कारण 14 वर्षों में देश विखंडित हुए बिना नहीं रह सकता।

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