जब खुद पर पड़ी तो मीडिया ने स्वीकारा- नोटबंदी के कारण आर्थिक स्थिति हुई खराब

बेंगलुरु, नोटबंदी के समर्थन मे कसीदे पढ़ने वाले भारतीय मीडिया ने आखिर स्वीकार ही लिया कि नोटबंदी के कारण लोगों की आर्थिक स्थिति खराब हुई है. और उसका असर मीडिया जगत् पर भी पड़ा है. भारत मे समाचार पत्र मालिकों के सबसे बड़े संगठन, इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी (आईएनएस) ने कहा कि नोटबंदी के कारण विज्ञापनों में कमी आने से अखबारों की वित्तीय स्थिति खराब हुई है.

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आईएनएस के निवर्तमान अध्यक्ष सोमेश शर्मा ने बेंगलुरु मे आयोजित वार्षिक महासभा में कहा, भारतीय अखबार व्यवसाय विज्ञापन के राजस्व पर काफी निर्भर है और नोटबंदी ने स्थिति को और खराब कर दिया. उन्होंने कहा कि मीडिया और खासकर अखबार निर्णायक मोड़ पर हैं. यह समय है कि समाचार पत्र उद्योग पर कर लगाने और उसकी राजस्व व्यवस्था पर प्रहार करने के बजाय अखबार जगत का समर्थन किया जाए और उसे मजबूत बनाया जाए.

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उन्होंने कहा कि आईएनएस सरकार के समक्ष उचित राजस्व और श्रम नीतियों के लिए अनुरोध कर रहा है. वेजबोर्ड के बारे में उन्होंने कहा कि भारत में उदार अर्थव्यवस्था में अखबार कर्मियों के लिए आवश्यक वेजबोर्ड तय करने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा, चूंकि किसी दूसरे उद्योग में वेजबोर्ड नहीं है इसलिए केवल प्रिंट मीडिया के लिए इस तरह के वेजबोर्ड बनाने का कोई तुक नहीं है. उन्होंने कहा, मैं सरकार से पुरजोर अपील करता हूं कि अखबारों के पत्रकारों एवं गैर पत्रकारों के लिए वेजबोर्ड का गठन नहीं करे.

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असामाजिक तत्वों द्वारा मीडियाकर्मियों पर हमले की निंदा करते हुए उन्होंने राज्य सरकारों और कानून-व्यवस्था लागू करने वाली एजेंसियों से अपील की कि इस तरह की घटनाओं से सख्ती से निपटा जाए और प्रेस की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए. इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी ने सरकार से इस उद्योग का समर्थन करने और इसे मजबूत करने की अपील की. \

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