जयपुर , जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में, फिल्म अभिनेता नवाजुद्दीन ने धर्म को लेकर बड़ा बयान दिया है। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में लेखक सआदत हसन मंटो पर बनी फिल्म पर आधारित एक सत्र में नवाजुद्दीन ने कहा कि उनके व्यक्तित्व को बहुत कम आंका जाता है।
फिल्म अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दिकी का कहना है कि वह रामलीला देखते और करते हुए बड़े हुए हैं, इसलिए उनमें धर्म के आधार पर किसी से कोई भेदभाव नहीं है। उन्होंने कहा कि कला तभी आगे बढ़ेगी, जब अभिव्यक्ति की आजादी मिलेगी। उन्होंने कहा कि अब सेंसर बोर्ड ही नहीं बल्कि कई तरह के और संगठन भी है जो यह बताने में लगे हैं कि हमें क्या देखना चाहिए और क्या नहीं।
उन्होंने कहा कि वह स्टार और एक्टर दोनों रहना चाहतें हैं। उन्होंने साफ कहा कि वह कॉमर्शियल फिल्में इसलिए करना चाहता हैं कि उनमें पैसा ज्यादा मिलता है। सत्र में फिल्म निर्देशक नंदिता दास ने कहा कि उनकी नजर में सेंसर बोर्ड जैसी कोई चीज होनी ही नहीं चाहिए।
उन्होंने कहा कि वह फिल्मों में मुगले आजम में दिलीप कुमार जैसा किरदार निभाना चाहते हैं। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में लेखक सआदत हसन मंटो पर बनी फिल्म पर आधारित एक सत्र में नवाजुद्दीन ने कहा कि उनके व्यक्तित्व को बहुत कम आंका जाता है और माना जाता है कि वह गैंगस्टर का रोल ही कर सकते है, लेकिन वह मुगले आजम में दिलीप कुमार जैसी भूमिका भी निभा सकते हैं।
उन्होंने कहा ष्दरअसल मंटो बहुत सच्चे और प्रतिभाशाली इंसान थे, लेकिन मेरी आदत तो बहुत झूठ बोलने की हैए इसलिए मंटो का किरदार निभाने से पहले तीन महीने तक मंटो के व्यक्तित्व को समझना पड़ा और जब मैं मानसिक तौर पर तैयार हो गया तब शूटिंग शुरू की गई। अब शूटिंग खत्म होने के बाद मुझे मंटो को अपने अंदर से निकालने में अपने आप से जूझना पड़ रहा है।