चेन्नई, तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता के अंतिम संस्कार मे दाह संस्कार नहीं किया गया बल्कि उन्हें दफनाया गया। जयललिता जन्म से ब्राह्मण थीं और ब्राह्मणों मे भी वह आयंगर ब्राह्मण थीं। जबकि आयंगर ब्राह्मणों में दाह संस्कार की प्रथा है। जयललिता का अंतिम संस्कार मरीना बीच पर संपन्न हुआ। लाखों लोगों की मौजूदगी के बीच उन्हें एमजी रामचंद्रन की समाधि के बगल में दफनाया गया।
मुख्यमंत्री जे जयललिता के आयंगर ब्राह्मण होने के बावजूद अंतिम संस्कार मे उनको दफनाने का फैसला लिया गया। जयललिता के अंतिम संस्कार का फैसला लेने वालों मे मुख्यरूप से उनकी निकट सहयोगी और खास मित्र शशिकला हैं। सूत्रों के अनुसार, जयललिता ने शादी नही की थी। उन्होने एमजी रामचंद्रन को अपना मेंटर माना था। एमजी रामचंद्रन ही जयललिता को राजनीति मे लाये थे। एमजी रामचंद्रन की गिनती तमिलनाडु के शीर्ष द्रविड़ नेता के रूप मे की जाती है।
बताया जाता है कि ज्यादातर द्रविड़ नेता को दफनाए जाने की परंपरा रही है। पेरियार, अन्ना दुरई और एमजीआर जैसे ज्यादातर द्रविड़ नेता दफनाए गए थे। जयललिता जनता के लिये आयंगर ब्राह्मण न होकर द्रविड़ नेता के रूप मे जानी जाती थीं, इसी कारण ,जयललिता के अंतिम संस्कार मे दाह संस्कार नहीं किया गया बल्कि उन्हें दफनाया गया।