जरुरतमंद बच्चों के भविष्य को संवारने की पहल दीक्षा

metsc10नई दिल्ली,  गुरुग्राम के पालमविहार इलाके में स्थित एक गैर लाभकारी स्कूल दीक्षा  की ओर से जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा के लिए उठाया गया कदम सराहनीय है। पालमविहार और उसके आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले कम आय वाले परिवारों के बच्चे इस स्कूल में पढ़ने आते हैं। दीक्षा स्कूल के बच्चे रविवार को राजधानी दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित होने वाली आईडीबीआई फेडरल लाइफ इंश्योरेंस हाफ मैराथन में हिस्सा लेंगे।

इसमें स्कूल के 34 बच्चे, 34 व्यस्क और सात शिक्षक और स्कूल से जुड़े अन्य सदस्य शामिल होंगे। साल 2008 में स्थापित हुए इस स्कूल में शुरुआत में 13 बच्चे पढ़ने आते थे। दीक्षा की शुरुआत शांता शरण ने की थी। आठ साल बाद, वेतनभोगी शिक्षकों, स्वयंसेवकों और वित्तीय रूप से मदद करने वाले कुछ लोगों की मदद से इस स्कूल में 300 बच्चे पढ़ते हैं। इस स्कूल की सबसे खास बात यह है कि इसमें न केवल बच्चों को उनके आने वाले उज्जवल भविष्य के लिए शिक्षित किया जाता है, बल्कि बच्चों को पाठ्येतर गतिविधियों से भी जोड़ा जाता है।

इस क्रम में उन्हें उनकी इच्छानुसार लोक कला, नृत्य, नाटक, संगीत और योग में प्रशिक्षित किया जाता है। इसके साथ ही बच्चे अंतर-गैर सरकारी संगठन के तहत आयोजित होने वाली खेल प्रतियोगिताओं में भी हिस्सा लेते हैं। गिफ्ट ए फ्यूचर के लक्ष्य के साथ चल रहे इस स्कूल में बच्चों को मध्यांतर आहार के साथ-साथ किताबें, स्कूल की यूनिफार्म और अन्य चीजें निः शुल्क दी जाती हैं। इसके साथ ही समय-समय पर बच्चों की स्वास्थ्य जांच भी होती है। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों को भी स्कूल से जोड़ा जाता है।

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