जर्मनी के पर्यटक शामिल हुए गंगा को स्वच्छ रखने के अभियान में

वाराणसी, करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का पर्याय पतित पाविनी गंगा को प्रदूषण से निजात दिलाने के लिये अब जर्मनी के पर्यटक भी लोगों को जागरुक करने के अभियान में जुट गये हैं।

दीपावली से पहले और बाद में अक्सर लोग घर में पूजन के बाद बची हुई मूर्तियों और पूजन सामग्री को गंगा में विसर्जित कर देते हैं। बुधवार को मणिकर्णिका घाट पर नमामि गंगे ने वाराणसी नगर निगम के साथ मिलकर गंगा और उसकी सहायक नदियों में बासी पूजन सामग्री व गंदगी न बहाने का संदेश दिया। इस दौरान काशी घूमने आए जर्मनी के पर्यटकों ने भी गंगा को स्वच्छ रखने के लिए लोगों को जागरूक किया और स्वच्छता अभियान में हिस्सा लिया।

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन और वाराणसी नगर निगम द्वारा संचालित निर्मल गंगा अभियान के तहत नमामि गंगे के स्वयंसेवक और नगर निगम के कर्मचारी संयुक्त रूप से स्वच्छता मुहिम चला रहे हैं। नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि पूजा-पाठ में उपयोग होने वाली प्रत्येक सामग्री का अपना महत्व है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इन सामग्रियों का उपयोग कर घर में सुख-समृद्धि लाई जा सकती है। इन्हें नदियों में बहाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है।

उन्होंने जोड़ा कि स्वच्छता केवल सफाई कर्मियों या सरकारी विभागों की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह प्रत्येक व्यक्ति की नैतिक जिम्मेदारी भी है। हमें अपनी सोच बदलनी होगी और स्वच्छता को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना होगा।

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