झांसी, उत्तर प्रदेश के सूखाग्रस्त बुंदेलखंड में पानी की एक एक बूंद को पाने और सहेजने की कवायद में प्रकाश में आयीं जल सहेलियों के संघर्ष की वास्तविक कहानियों को अब सिनेमा के माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों तक पहुंचाने के लिए एक फिल्म “ बूंद ” बनायी जा रही है।
परमार्थ समाज सेवी संस्थान द्वारा रविवार को यहां एक स्थानीय होटल में इस संबंध में जानकारी देने के लिए आयोजित एक पत्रकार वार्ता में मौजूद संस्थान के प्रमुख डॉ़ संजय सिंह ने बताया कि बुंदेलखंड के जल संकट को लेकर उपजे संघर्षों के हालात एवं जल सहेलियों के काम को लेकर ’’बूंद’’ नामक फिल्म जैनी एवं दीपान मण्डल के निर्देशन में बनायी जा रही है। इस फिल्म में बुन्देलखंड में जल सहेलियों द्वारा जल संकट को दूर करने के कामों को दिखाया जायेगा। इस फिल्म की शूटिंग पूर्ण हो चुकी है। फिल्म में कई बडे सिनेमा कलाकारों एवं बुन्देलखण्ड के कलाकारों के द्वारा अभिनय किया गया है , जिसमें झांसी के अभिनेता आरिफ शहडोली व कई अन्य कलाकार अभिनय करते नजर आएंगे।
फिल्म की कहानी बुंदेलखंड के अलग-अलग हिस्सों में जल संघर्षों की वास्तविक घटनाओं से प्रेरित है। फिल्म की शूटिंग मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के आसपास के कई हिस्सों में की गई है। जिसकी शूटिंग जून के प्रथम सप्ताह में मध्य प्रदेश के बुन्देलखंड मे प्रारम्भ हुई थी । फिल्म के प्रमुख कलाकार विजय राज, इंद्रिरा तिवारी, यशपाल शर्मा, गोविन्द नामदेव बबीता वाग जैसे सिनेमा कलाकार रहेगे | इस फिल्म में गोविंद नामदेव जैसे मंझे हुए अभिनेता अपनी अदाकारी दिखाते नजर आएंगे। झांसी के अलावा आसपास के कई जिलों के कलाकार भी इस फिल्म में दिखाई देंगे।
फिल्म की कहानी बुंदेलखंड के ग्रामीण अंचलों में पीने के पानी के संकट पर आधारित है। आम लोगों की जिंदगी की रोजमर्रा के संघर्षों और तकलीफों को फिल्म की कहानी में जगह दी गई है। फिल्म में बुंदेलखंड के वाटरमैन के रूप में चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. संजय सिंह के किरदार को भी शामिल किया गया है और झांसी के रहने वाले अभिनेता आरिफ शहडोली ने यह भूमिका निभाई है। बूंद नाम की फिल्म की कहानी पानी को लेकर उपजे संघर्षों और तनाव के बीच एक रास्ता भी दिखाने का प्रयास है।
फिल्म में गोविंद नामदेव के अलावा रोहित चौधरी, बिदिता बाग, आरिफ शहडोली, रेखा भगत व कई अन्य कलाकार अलग-अलग भूमिकाओं में दिखाई देंगे। फिल्म का निर्देशन जैनी सरकार व दिपान मण्डल कर रहे हैं,जबकि प्रोड्यूसर दीपक दीवान हैं। भारतीय सिनेमा के इतिहास में पहली बार कोई फ़िल्म बन रही है, जो पूरी तरह से पानी की समस्या पर केंद्रित है और जिसमें यथार्थ को चित्रित किया गया है। फिल्म में बुंदेलखंड के जल संकट, यहां की महिलाओं के प्रयास और इन प्रयासों से बदलाव की स्थिति का चित्रण इस फ़िल्म में किया जा रहा है।