नई दिल्ली, जस्टिस जगदीश सिंह खेहर देश के 44वें चीफ जस्टिस होंगे। चीफ जस्टिस तीरथ सिंह ठाकुर ने पत्र लिखकर अपने उत्तराधिकारी के तौर पर उनके नाम का प्रस्ताव किया है। सिख समुदाय से वह देश के पहले चीफ जस्टिस होंगे और उनका कार्यकाल 27 अगस्त, 2017 तक होगा।
देश के दूसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति जगदीश सिंह खेहर को नया चीफ जस्टिस नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर तीन जनवरी को अवकाश ग्रहण कर रहे हैं। विधि एवं न्याय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने मेमोरैन्डम ऑफ प्रोसीजर के मुताबिक, चीफ जस्टिस को नवंबर में पत्र लिखकर उनसे अपने उत्तराधिकारी को नामित करने का अनुरोध किया था। चीफ जस्टिस ने अपने जवाब में न्यायमूर्ति खेहर को नया चीफ जस्टिस नियुक्त करने की सिफारिश की है। राष्ट्रपति चार जनवरी, 2017 को न्यायमूर्ति जगदीश सिंह खेहर को देश के 44वें चीफ जस्टिस के पद की शपथ दिलाएंगे।
न्यायमूर्ति खेहर 13 सितंबर, 2011 को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त हुए थे। जस्टिस खेहर को आठ फरवरी 1999 को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। इसके बाद दो अगस्त, 2008 को उन्हें इसी उच्च न्यायालय का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बनाया गया। न्यायमूर्ति खेहर 17 नवंबर, 2009 को उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने। इसके बाद उन्हें आठ अगस्त, 2010 को कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की जिम्मेदारी भी सौंपी गई।
विवादित राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) अधिनियम मामले की सुनवाई उनकी अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने ही की थी, जिसने उसे खारिज कर दिया था। इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश में इस साल जनवरी में राष्ट्रपति शासन लगाने के फैसले को रद करने वाली पीठ की अध्यक्षता जस्टिस खेहर ने ही की थी। सहारा प्रमुख सुब्रत राय को जेल भेजने वाली पीठ का भी वह हिस्सा थे। उन्होंने शीर्ष अदालत की उस पीठ की भी अध्यक्षता की थी जिसने हाल ही में “समान कार्य के लिए समान वेतन” के सिद्धांत का महत्वपूर्ण फैसला सुनाया था। यह फैसला उन सभी दैनिक वेतन भोगियों, अस्थायी और संविदा कर्मियों पर लागू होगा जो नियमित कर्मचारियों की तरह कार्यों का निष्पादन करते हैं।