लखनऊ , उत्तर प्रदेश में सहारनपुर और कुशीनगर में जहरीली शराब के कारण हुयी मौतों के मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग ठुकराये जाने से आहत विपक्ष ने सोमवार को विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया। विधानसभा में प्रश्नकाल शुरू होते ही समाजवादी पार्टीएकांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी ;बसपाद्ध के सदस्यों ने सहारनपुर और कुशीनगर में जहरीली शराब के कारण हुयी मौतों का मामला उठाया। हंगामे और शोरगुल के बीच सदस्यों ने घटना की जांच सीबीआई के हवाले करने की मांग की। सरकार का कहना था कि दोनो जिलों में कुल 49 लोगों की मृत्यु जहरीली शराब के कारण हुयी है जिसमें 39 मौतें सहारनपुर और दस कुशीनगर में हुयी है।
उन्होने कहा कि घटना की जांच के लिये विशेष अनुसंधान दल ;एसआईटीद्ध का गठन कर दिया गया है जो अपनी रिपोर्ट दस दिनो में प्रस्तुत करेगी। इस लिहाज से विपक्ष की सीबीआई जांच की मांग अनुचित है जिसे स्वीकारा नहीं जा सकता। विपक्ष के हंगामे के कारण विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित को प्रश्नकाल स्थगित करने के लिये बाध्य होना पड़ा। इस मामले में सपाएबसपा और कांग्रेस ने सदन में गजब की एकजुटता का परिचय दिया। सदस्य वेल में आकर सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे। प्रश्नकाल स्थगित होने के बाद विपक्षी दलों के सदस्य धरने पर बैठ गये।
प्रश्नकाल के बाद विधानसभाध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों को जहरीली शराब के मामले में बोलने की अनुमति प्रदान की। सहारनपुर के विधायक संजय गर्ग ने कहा कि उनके जिले में जहरीली शराब से 88 लोगों की जान गयी है जबकि दोषी अधिकारियों को सत्ता पक्ष के नेता बचाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होने उच्च न्यायालय की निगरानी में मामले की जांच सीबीआई से कराने और पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिये जाने की मांग की। बसपा नेता लालजी वर्मा ने जहरीली शराब कांड की जांच संसदीय समिति से कराने की मांग करते हुये कहा कि इस मामले में सहारनपुर और कुशीनगर के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक समेत अन्य जिम्मेदार अधिकारियों को तत्काल निलंबित किया जाना चाहिये।
वर्मा ने कहा कि अवैध शराब के कारोबार में लिप्त व्यापारी अभी भी खुलेआम घूम रहे है जबकि सरकार उनके खिलाफ कोई कदम उठाने में विफल रही है। कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता और कुशीनगर के विधायक अजय कुमार लल्लू ने आरोप लगाया कि जहरीली शराब के कारण 115 लोगों की जान गयी है। उन्होने कहा कि घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस्तीफा दे देना चाहिये। विपक्ष के आरोप और सीबीआई जांच की मांग को ठुकराते हुये संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सरकार ने घटना पर गंभीर रूख अपनाते हुयेे पांच सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है जो अपनी रिपोर्ट दस दिनो के भीतर प्रेषित करेगी।
उन्होने कहा श् सरकार इस मामले को लेकर बेहद संजीदा है और इसीलिये आबकारी अधिनियम की धारा 60 के अंतर्गत एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिये गये है जिसमे दोषी के लिये अर्थदंड का प्राविधान है। इस सिलसिलेे में सहारनपुर और कुशीनगर में संबधित क्षेत्र के क्षेत्राधिकारियोए आबकारी अधिकारियो को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। मंत्री ने साफ किया कि सहारनपुर में 39 और कुशीनगर में दस लोगों की जहरीली शराब पीने से मृत्यु हुयी है। उन्होने कहा कि 2008 से 2017 के बीच जहरीली शराब से 357 लोग अकाल मौत का शिकार हुये थे लेकिन तत्कालीन सरकारों ने दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। मंत्री के जवाब से नाखुश विपक्षी सदस्यों ने पूरे दिन के लिये सदन के बहिष्कार का ऐलान किया।