जातिगत जनगणना के साथ आर्थिक गणना भी जरुरी: चंद्रशेखर आजाद

बरेली, आजाद समाज पार्टी के संस्थापक व सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि देश में जातिगत जनगणना साथ-साथ आर्थिक गणना भी होनी चाहिए।
उन्होने कहा कि 1931 बाद से देश में संपूर्ण जातिगत जनगणना नहीं हुई है। सरकार चांद पर जाने का दावा करती है, लेकिन हकीकत में गरीबी और असमानता बरकरार है। देश में 80 करोड़ लोग सरकारी राशन पर निर्भर हैं, लेकिन असल में धन का बंटवारा जरूरी है। समय आ गया है कि धन धरती में बंटवारा हो।
चंद्रशेखर आजाद बरेली में आयोजित प्रबुद्धजन सम्मेलन में बोल रहे थे। चंद्रशेखर ने चेतावनी दी कि संविधान पर खतरा मंडरा रहा है। हम संविधान की वजह से ही सुरक्षित हैं। यह संविधान ही है कि एक हेडमास्टर का बेटा आपके सामने खड़ा है।
चंद्रशेखर आजाद ने रामभद्राचार्य के बयान पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर कहा “ मेरठ में एक संत की कथा चल रही है। वह यहां आकर कहते हैं कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश मिनी पाकिस्तान है। उनको दिखता नहीं है, वो खुद कहते हैं बचपन से मेरी आंखें नहीं है। सनातन हिसाब से उन्होंने पूर्व जन्म में कितने पाप किए होंगे। जिस वजह से उनकी आंखें चली गईं। जिसने इतने बड़े अपराध किए जनता को उनसे ज्ञान लेना पड़ रहा है।”
चंद्रशेखर आजाद ने स्पष्ट किया कि प्रबुद्धजन सम्मेलन का आयोजन इसलिए किया जा रहा है, ताकि समाज में व्याप्त भेदभाव और जातिवादी मानसिकता को चुनौती दी जा सके।
उन्होने कहा कि मुसलमानों को कब तक लूटते रहोगे। न मस्जिदें सुरक्षित है और न कब्रिस्तान महफूज है। न आपका कारोबार सेफ है, सब कुछ लूट जाएगा। संविधान पर खतरा मंडरा रहा है। हम संविधान की वजह से ही सुरक्षित हैं।