प्रयागराज, कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि जाति जनगणना उनके लिये राजनीति नहीं बल्कि एक मिशन है जिसका सीधा संबंध देश के संविधान की रक्षा से है।
पार्टी द्वारा आयोजित संविधान सम्मान सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होने कहा कि देश की 90 फीसदी आबादी की सिस्टम में कोई भागीदारी नहीं है, फिर भी कहा जाता है कि देश सुपर पावर बन जाएगा। संविधान लागू होने के 70 साल बाद भी देश की 90 प्रतिशत आबादी हाशिए पर है और कॉरपोरेट जगत, मीडिया एवं न्यायपालिका में उनकी भागीदारी नहीं है। वे चाहते हैं कि दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को भी समान भागीदारी और अधिकार मिलें तथा देश के संसाधनों पर उनका नियंत्रण हो।
राहुल गांधी ने कहा कि 90 प्रतिशत लोगों के पास जरूरी हुनर है, प्रतिभा है लेकिन वे सिस्टम से जुड़े नहीं हैं। इसलिए कांग्रेस ने जातिगत जनगणना की बात उठाई है, ताकि लोगों को उनकी भागीदारी मिल सके।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लिए जाति जनगणना सिर्फ जनगणना नहीं है, यह नीति निर्माण का आधार है। जातिगत जनगणना से आबादी पता लगेगी, जो जरूरी कदम है, क्योंकि भागीदारी से पहले आबादी पता होनी चाहिए। लेकिन आबादी पता करना अंतिम कदम नहीं है। मेरा मकसद है यह समझना कि हिंदुस्तान में धन किस प्रकार से बांटा जा रहा है और हिंदुस्तान के संस्थाओं में किसकी कितनी भागीदारी है।
कांग्रेस सांसद ने कहा, “ जातिगत जनगणना मेरे लिए राजनीति नहीं, ये मेरा मिशन है।” उन्होने दोहराया कि आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा उन्हें स्वीकार्य नहीं है। राहुल ने कहा कि जातिगत जनगणना, सोशल इकोनॉमिक सर्वे और इंस्टीट्यूशनल सर्वे होकर रहेगा। आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा भी खत्म होगी। क्योंकि देश की जनता ने यह मन बना लिया है। प्रधानमंत्री को यह बात मान लेनी चाहिए और आदेश लागू कर देना चाहिए। अगर प्रधानमंत्री मोदी यह नहीं करेंगे तो दूसरे प्रधानमंत्री करेंगे।
उन्होने कहा कि जाति जनगणना का सीधा संबंध संविधान की रक्षा से है। इसका उद्देश्य देश की 90 प्रतिशत आबादी को उसका हक दिलाना है। अगर इतनी बड़ी आबादी को उसका हक नहीं मिलेगा तो संविधान की रक्षा नहीं हो सकेगी।
रायबरेली के सांसद ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार लेटरल एंट्री और संविदा नियुक्तियों के जरिए आरक्षण को खत्म करने का प्रयास कर रही है। भाजपा ऊपर से नीचे तक हर तरफ से आरक्षण पर हमला कर रही है।
लोकसभा नतीजों का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजा, महाराजा, शहंशाह वाला मॉडल चलाना चाह रहे थे। देश की जनता ने मोदी को संविधान माथे पर लगाने के लिए मजबूर कर दिया।